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सामाजिक न्याय के प्रेणा स्रोत थे संत रविदास : मोर्य

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महू। डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसाइटी द्वारा भीम जन्मभूमि स्मारक पर संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती मनाई गई। उक्त जानकारी देते हुए सोसायटी के कोषाध्यक्ष एवं कार्यक्रम के प्रभारी विनोद मेघवाल एवं दिनेश सोनोने ने बताया कि आयोजन में संत रविदास जी की चित्र पर माल्यार्पण कर अतिथियों का स्वागत किया गया। आयोजन में स्वागत भाषण सोसायटी के सचिव राजेश वानखेड़े दिया। स्मारक से चलने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।

मुख्य अतिथि आर सी मोर्य ने अपने भाषण में कहा की डॉ. बाबा साहेब आम्बेडकर जी के संविधान से ग़रीब तबका आर्थिक रूप करोड़ों लोग जो मध्यम वर्ग में आये है वह बाबा साहेब के संविधान से मिले अधिकारी एवं आरक्षण का कारण है। डॉ. बाबा साहेब ने संत नंदनाथ तमिलनाडु से संत चोखामैला महाराष्ट्र से और संत रविदास उत्तरप्रदेश से तीनों ने अपने अपने समय में समाज में समता बंधुत्व और न्याय के लिए खूब संघर्ष किया है। आयोजन की अध्यक्षता करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अनिल गजभिए द्वारा संत रविदास के जीवन पर प्रकाश डाला। महेश सुमरा, मणिकराव तायड़े, सुभाष रायपुरे अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अंत में कार्यक्रम का आभार भीम जन्मभूमि के उपाध्यक्ष अरुण कुमार ने माना।

देपालपुर में नकदी संकट की बड़ी तस्वीर : बैंकों में नहीं मिल रही ₹10 और ₹20 की फ्रेश गड्डीब्लैक मार्केट में महंगे दामों पर बेचा जा रहा कड़क नोट

जीवन खरीवाल, देपालपुर

देपालपुर क्षेत्र में नकदी संकट गहराता जा रहा है। बैंकों में ₹10 और ₹20 के नए नोटों की भारी कमी है, जबकि बाजार में यही नोट ऊंचे दामों पर खुलेआम बिक रहे हैं। इस स्थिति ने न केवल आम जनता को आर्थिक रूप से परेशान किया है, बल्कि बैंकिंग प्रणाली की पारदर्शिता और प्रशासनिक निगरानी पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्राहकों का कहना है कि जब वे बैंकों से नई गड्डियां लेने पहुंचते हैं, तो बैंक प्रबंधक और कर्मचारी यह कहकर टाल देते हैं कि “दिवाली के बाद से ताज़े नोटों की आपूर्ति नहीं हुई है। लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर बैंकों में नई गड्डियां नहीं आ रही हैं, तो बाजार में ब्लैक में इतनी बड़ी मात्रा में ये नोट कैसे उपलब्ध हो रहे हैं..?

महंगे दामों पर बिक रही है नकदी

पड़ताल में सामने आया है कि देपालपुर के बाजारों में ₹10 की गड्डी ₹1500 से ₹1700 और ₹20 की गड्डी ₹2500 से ₹2800 में बेची जा रही है। यह स्थिति स्पष्ट रूप से ब्लैक मार्केटिंग और नकदी माफिया के सक्रिय नेटवर्क की ओर इशारा करती है। सोशल मीडिया पर भी कुछ लोग नई गड्डियों की तस्वीरें डालकर खुल्लम-खुल्ला यह प्रचार कर रहे हैं कि “कड़क नोट चाहिए तो हमसे संपर्क करें।” इससे साफ होता है कि नोटों की कालाबाजारी का यह खेल केवल स्थानीय दुकानों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी सक्रिय है।

क्या बैंक कर्मी ही बने हैं ब्लैक मार्केटिंग के सूत्रधार ?

इस गंभीर स्थिति ने बैंकों की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आम जनता का आरोप है कि जिन लोगों की बैंक कर्मचारियों से ‘सेटिंग’ है, उन्हें आसानी से ताज़े नोट उपलब्ध हो जाते हैं, जबकि बाकी लोगों को “नोट खत्म हो गए हैं” जैसे जवाब देकर लौटा दिया जाता है। कई बैंक प्रबंधकों और कर्मचारियों की भूमिका पर शक जताया जा रहा है कि कहीं यह सारा खेल अंदरूनी मिलीभगत का परिणाम तो नहीं..? क्योंकि जब तक बैंक के भीतर से सहयोग न मिले, इतनी बड़ी मात्रा में नई गड्डियां बाजार में कैसे पहुंच सकती हैं..?

रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों का खुला उल्लंघन

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, बैंकों को ग्राहकों को उचित मात्रा में नए नोट उपलब्ध कराने होते हैं। नोटों के वितरण में पारदर्शिता और निष्पक्षता अनिवार्य है। किसी भी प्रकार की अनियमितता या पक्षपात करने पर बैंकिंग नियामक सख्त कार्रवाई कर सकता है। आरबीआई के मापदंडों के अनुसार बैंकों को नियमित रूप से ताज़े नोटों की आपूर्ति करनी होती है।

प्रशासनिक उदासीनता या मिलीभगत..?

इस मामले में प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। आखिर, जब यह गतिविधि खुलेआम बाजार और सोशल मीडिया पर चल रही है, तो प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया? क्या यह लापरवाही है या फिर प्रशासनिक स्तर पर भी कहीं न कहीं मिलीभगत है..? स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग को चाहिए कि वें इस मामले की गंभीरता से जांच करें और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। यदि बैंक कर्मियों की संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

आम जनता के लिए संकट, कुछ लोगों के लिए अवसर

जहां एक ओर आम जनता को छोटे-मोटे लेन-देन के लिए भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं कुछ लोग इस संकट को अपने फायदे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। छोटे दुकानदार, ऑटो चालक, सब्जी विक्रेता और मजदूर वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हैं। एक स्थानीय व्यापारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, हमें बैंक से गड्डी लेने के लिए घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है, और अंत में जवाब मिलता है कि नोट खत्म हो गए हैं। लेकिन वही गड्डी बाजार में महंगे दामों पर बिक रही है। आखिर ये गड्डी कहां से आ रही है..?

आर्थिक विशेषज्ञों की राय

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस समस्या पर तुरंत अंकुश नहीं लगाया गया तो यह नकदी संकट, अवैध लेन-देन, और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे सकता है वरिष्ठ आर्थिक विश्लेषक डॉ. अनिल शर्मा का कहना है, यह सिर्फ एक स्थानीय समस्या नहीं है। अगर बैंकिंग प्रणाली में ऐसे खेल चल रहे हैं, तो यह पूरे वित्तीय ढांचे के लिए खतरे की घंटी है।

आम जनता से अपील

यदि आपको इस प्रकार की किसी भी ब्लैक मार्केटिंग, अवैध लेन-देन या संदिग्ध गतिविधि की जानकारी हो तो तुरंत संबंधित बैंक प्रबंधक, पुलिस प्रशासन या भारतीय रिजर्व बैंक की हेल्पलाइन पर इसकी सूचना दें। आरबीआई शिकायत हेल्पलाइन 14440, स्थानीय पुलिस कंट्रोल रूम (स्थानीय नंबर 917587614089)

एक्स्प्रेस-वे पर विवाद : गालियां और धमकी देने से गुस्साए टोलकर्मियों के परिजन ने किया हंगामा

सैलाना- दिल्ली-मुंबई लेन एक्सप्रेस-वे के धामनोद टोल नाके पर एक युवक ने टमू बना के नाम से फ्री गाड़ी निकालने का प्रयास किया। जब टोल से गाड़ी नहीं निकालने दी तो उसने अपने साथी टमू बना को बुला लिया। टमू ने टोल के शिफ्ट इंचार्ज को गालियां दीं और धमकाया कि मेरे रिश्तेदार की गाड़ी से रुपए मांगे तो यहां नौकरी नहीं करने दूंगा। इनके जाने के बाद सूचना धामनोद पहुंची तो टोल कर्मचारियों के परिजन आ गए और आरोपियों को पकड़ने की मांग करने लगे। साढ़े 4 घंटे तक टोल नाके पर हंगामा चलता रहा। एसडीओपी नीलम बघेल पहुंची और आरोपियों को पकड़ने के बाद शाम 7.30 बजे मामला शांत हुआ टोलकर्मी की शिकायत पर सैलाना थाना पुलिस ने केस दर्ज कर मामला जांच में लिया है। धामनोद टोल नाके की कर्मचारी धामनोद निवासी निकिता वर्मा अपने सहकर्मियों के साथ सैलाना थाना पहुंचीं और एफआईआर करवाई। उसने बताया कि मैं दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के धामनोद टोल पर बी शिफ्ट में टीसी का काम करती हूं। शुक्रवार को मेरी बूथ पर ड्यूटी थी। एक सफेद रंग की कार आई जिसकी मैंने स्लिप बनाकर दी। एक घंटे बाद वह गाड़ी फिर से एक्जिट करने के लिए बूथ पर आई। गाड़ी फिर से आई तो 800 रुपए चार्ज देने के लिए कहा। कार चालक ने बताया कि मैं आगे टोल पर नहीं गया था। रास्ते में से ही वापस पलट कर आया हूं। इस पर मैंने कहा कि सिस्टम में ऐसा ही है, चार्ज तो देना होगा तो वह टम बना का नाम लेने लगा। इस पर भी मैने मना कर दिया। इसके कुछ देर बाद टम बना अपनी थार गाड़ी से आया और उसने आते ही वहां खड़े शिफ्ट इंचार्ज कमलेश पंवार को गालियां देना शुरू कर दी। उसने धमकाया कि मेरे रिश्तेदार की गाड़ी से रुपए मांगे तो यहां नौकरी नहीं करने दूंगा। फिर चला गया। उसके जाने के बाद चार लोग 2 बाइक से आए और आते ही हम सभी को गालियां देने लगे। बोलने लगी कि अब ये लड़कियां टोल चलाएंगी। बूथ से बाहर आई तो मैंने देखा कि उनके साथ नयापुरा गांव का तनवीर युवराज, लोकेंद्र और धीरेंद्र सिंह भी हम सभी को गालियां दे रहे थे। इन्हें मैं पहले से जानती हूं, ये आए दिन टोल पर टमू बना का नाम लेकर फ्री में गाड़ियां निकालने की बात को लेकर विवाद करते रहते हैं। मैंने उन चारों को गालियां देने से मना किया तो ये लोग जातिसूचक शब्दों का उपयोग करने लगे। इन लोगों ने मेरे सहकर्मियों को भी गालियां दीं। हम सभी को जान से मारने की धमकी भी दी।

घटना सीसीटीवी में कैद, केस भी दर्ज
टोल मैनेजर कैलाश उपाध्याय ने बताया कि महिला टोलकर्मियों के साथ आरोपियों ने अभद्र भाषा का उपयोग किया। साथ ही टोल गेट तोड़ने का प्रयास भी किया। उन्होंने पानी की केन में तोड़फोड़ की है। घटना टोल के सीसीटीवी कैमरे में दिखाई दी है। पुलिस को सीसीटीवी कैमरे के फुटेज भी दिए जाएंगे। टीआई पृथ्वीसिंह खल्लाटे ने बताया कि महिलाकर्मियों की रिपोर्ट पर पांचों आरोपियों के खिलाफ अभद्रता, गालियां देने और जातिसूचक शब्दों का उपयोग करने की धाराओं में केस दर्ज किया है। वही आरोपियों की थार कार व दो बाइक जब्त की है। सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

E-paper 05-02-2025

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ग्राम दतोदा में नर्मदा जयंती पर निकली चुनरी यात्रा, गणेश मंदिर घाट से उतारी मॉ नर्मदा की आरती, आतिशबाजी भी हुई

रंगीला प्रदेश सिमरोल। सिमरोल के समीप ग्राम दतोदा में प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी नर्मदा जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर ग्राम में भव्य चुनरी यात्रा भी निकली गई जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए, ग्राम भ्रमण कर चुनरी यात्रा गणेश घाट पर पहुंची जहां मां नर्मदा को चुनर अर्पित की गई। बाद मॉ नर्मदा की आरती उतारी गई। इस दौरान गणेश घाट का नजारा देखते ही बन रहा था। आरती पश्चात यहां आतिशबाजी के साथ प्रसाद वितरण किया गया।
आपको बता दे कि नर्मदा गंभीर लिंक परियोजना का पानी ग्राम दतोदा में वाल्व के माध्यम से सन 2018 में छोड़ा गया था जिससे नर्मदा इस क्षेत्र में अविरल वर्ष भर बहती है। ग्राम के गणेश मंदिर पर जनसहयोग से बीते वर्षो घाट का निर्माण किया गया। ग्रामीणों को इस योजना से पीने के पानी की किल्लत से निजात के साथ ही खेती में भी सिंचाई के लिए पानी मिलता है जिससे वर्षभर यहां फसल लहलहाती रहती है।

दीक्षा सान्यास ने फ्री स्टाइल कुश्ती में जीता महापौर केसरी खिताब

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महू। 31 जनवरी से 2 फरवरी तक अखिल भारतीय महापौर केसरी प्रतियोगिता का आयोजन इंदौर में किया गया। इस आयोजन में ग्राम कोदरिया स्थित विद्यालय श्री एकेडमी की उभरती हुई राष्ट्रीय पदक विजेता बालिका पहलवान दीक्षा सान्यास ने अखिल भारतीय महापौर केसरी प्रतियोगिता 2025 में 40 किलोग्राम फ्री स्टाइल कुश्ती प्रतियोगिता में अपने वजन में प्रथम स्थान प्राप्त कर गुर्ज एवं 11000 रुपए की राशि प्राप्त की। वर्तमान में दीक्षा चंदगीराम व्यायामशाला महू में कुश्ती एकेडमी में कुश्ती कोच किशोरी पहलवान से प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। दीक्षा ने पिछले दो वर्षों में महापौर केसरी के आयोजन में द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया था। पिछले 4 वर्षों में दीक्षा ने राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में 4 बार मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में करते हुए राष्ट्रीय रजत एवं कांस्य पदक प्राप्त किए हैं। दीक्षा की सफलता के इस सफर में उनके पिता संजय सान्यास व माता प्रिया सान्यास के साथ वाल्मीकि व्यायाम शाला के संचालक मन्नू चौहान पहलवान, विशाल कौशल व स्कूल डायरेक्टर होने के साथ राष्ट्रीय पहलवान राजेश पाटीदार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

एएसआई अजीत मालवीय ने लगाई फांसी, सरदारपुर थाने की रिंगनोद चौकी में थे पदस्थ

महू। सोमवार को किशनगंज थाना क्षेत्र के शांति नगर में रहने वाले पुलिसकर्मी ने फांसी लगा की। जानकारी मुताबिक पुलिसकर्मी का नाम अजीत मालवीय है जो कि धार जिले के सरदारपुर थाने की रिंगनोद चौकी में एएसआई के पद पर पदस्थ थे। किशनगंज थाना प्रभारी कुलदीप खत्री ने बताया कि आत्महत्या का कारण अभी अज्ञात है, मौके पर पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिली है। मामले की विवेचना शुरू हो चुकी है थाना प्रभारी खत्री ने कहा किशनगंज पुलिस हर पहलू पर बारीकी से जांच करेगी।

एएसआई अजीत मालवीय नगर परिषद महूगांव अंतर्गत आने वाली शांति नगर कॉलोनी में रह रहे थे। रात में वें ड्यूटी से घर लौटे थे। पत्नी रानी के मुताबिक देर रात तक एएसआई अजीत ने उनके सामान्य बातचीत की और फिर सोने चले गए। लेकिन जब देर सुबह तक अजीत कमरे से बाहर नहीं निकले तो पत्नी ने दरवाजा खोलकर देखा तो एएसआई अजीत रोशनदान के खुटे से दुपट्टे का फंदा डालकर लटके हुए थे। अजीत मालवीय मूलरूप से इंदौर के रहने वाले है। इनका ससुराल महू में है।

हुकम सिंह आंजना का ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा

महू। कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्र्रेस पार्टी को जिंदा रखने वाले ब्लाक कांग्रेस के अध्यक्ष हुकम सिंह आंजना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा उन्होने राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को सोशल मीडिया के माध्यम से देना बताया।

हुकम आंजना इस्तीफा पत्र में लिखा की कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की 27 जनवरी को महू विधानसभा में जय बापू जय भीम जय संविधान बचाओ यात्रा थी, इसमें जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रभारी संगठन द्वारा महू कांग्रेस पार्टी संगठन के किसी भी ब्लॉक अध्यक्ष, शहर अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य एवं सरपंच एवं कांग्रेस के वरिष्ठ जनों एवं महिला कांग्रेस एवं किसी भी कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे एवं राहुल गांधी से नहीं मिलवाया गया। इस बात से दुखी होकर ब्लाक कार्यकारिणी अध्यक्ष महू ग्रामीण पद से मैं हुकम सिंह आंजना अपना इस्तीफा देता हूं। आंजना के इस इस्तीफे के बाद किसी भी वरिष्ठ नेता ने उन्हें पद पर बने रहने के लिए नहीं रोका। आंजना के इस्तीफे के बाद कुछ नेताओं ने उनका समर्थन करते हुए स्वयं भी जिला नेतृत्व के प्रति नाराजगी जाहिर की।

यूनियन कार्बाइड के कचरे के निष्पादन के संबंध में जनसंवाद कर दी जानकारी

पीथमपुर। पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड भोपाल के 337 टन रासायनिक कचरे के निष्पादन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। राम की एनवायरो कंपनी में लाए गए 12 कंटेनरों में रखे इस कचरे के निष्पादन के विरोध को समाप्त करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से 4 फरवरी मंगलवार को महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन नगर पालिका परिषद हॉल में किया गया।
जनसंवाद बैठक में अनुविभागीय अधिकारी प्रमोद कुमार गुर्जर, तहसीलदार जयेश प्रताप सिंह, नगर पुलिस अधीक्षक विवेक गुप्ता,  मुख्य नगरपालिका अधिकारी निशिकांत शुक्ला, सेक्टर एक थाना प्रभारी ओम प्रकाश अहीर, पटवारी प्रशांत त्रिपाठी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे। जिला प्रशासन का कहना है कि कचरे का निष्पादन पूरी तरह सुरक्षित तरीके से वैज्ञानिकों की देखरेख में किया जाएगा। तहसीलदार जयेश प्रताप सिंह ने बैठक में पिछले दिनों हुई बैठकों में किए गए सवालों का जवाब मौजूद जनप्रतिनिधियों वैज्ञानिक तरीके से देते हुए रसायन विशेषज्ञों ने कचरे के निष्पादन की प्रक्रिया को विस्तार से समझाते हुए बताया कि यूनियन कार्बाइड के इस कचरे से किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। कचरा जलाने की मॉनिटरिंग केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा की जाएगी। चिमनी से निकलने वाली गैसों की जांच हेतु ऑनलाइन सतत उत्सर्जन मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित है, जिससे प्रदूषकों की जांच ऑनलाइन होगी। प्लांट के आसपास पूरे क्षेत्र में भी जलवायु की निरंतर मॉनिटरिंग की जाएगी। प्लांट परिसर के मुख्य गेट के पास डिस्प्ले बोर्ड स्थापित है। जिसमें अपशिष्टों की मात्रा एवं दहन प्रक्रिया से उत्सर्जित होने वाली गैसों, पदार्थ की जानकारी प्रदर्शित होगी। प्लांट के मुख्य गेट पर लगे ऑनलाइन डिस्पले बोर्ड को आमजन को भी देख सकेंगे।

बैठक में पीथमपुर बचाओ समिति के अध्यक्ष हेमंत हीरोले, मोनिका सोलंकी, व नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि सुरेश पटेल, पीथमपुर रक्षा मंच से रोहित मेवाड़ा, गोविंद परमार, पप्पू पटेल, बलराम रघुवंशी, सहित पत्रकार, जनप्रीनिधि शामिल हुए।
दूसरी तरफ पीथमपुर बचाओ समिति, पीथमपुर रक्षा मंच, मानव अधिकार परिषद और विभिन्न मजदूर संगठन इस रासायनिक कचरे के निष्पादन का लगातार विरोध कर रहे हैं। इन संगठनों का मानना है कि इस जहरीले कचरे के निष्पादन से क्षेत्र के पर्यावरण और जन स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। नगर पुलिस अधीक्षक विवेक गुप्ता ने बताया कि जिला दंडाधिकारी द्वारा पिछले दिनों जिले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए है, जिसमें जिले में धरना रैली आदि बिना अनुमति के करने पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। प्रशासन ने कचरे के कंटेनरों को खाली कर सुरक्षित स्टोर करने की बात कही है।

आबकारी विभाग टीम ने सुबह से लेकर शाम तक अवैध शराब को लेकर की बड़ी कार्रवाई

मुखबिर ने कहा अभी कर दो साहब करवाई नहीं तो रात को शराब लगा देगा ठिकाने पर..

एक ही दिन में दो बड़ी कार्रवाई, अवैध शराब का कारोबार करने वालों के पसीने छूटे

दोनों कार्रवाई में 22 लाख के लगभग की अवैध शराब जब्त की

झाबुआ ब्यूरों। आबकारी विभाग टीम ने सुबह से लेकर शाम तक अवैध शराब को लेकर बड़ी कार्रवाई कल देखने को मिली, जिसमें टीम ने सुबह 10 लाख रुपए के लगभग की अवैध शराब पकड़ी थी, वही शाम तक ऊसी गाव टांडी में एक अन्य ठिकाने पर  ₹12 लाख के लगभग की फिर अवैध शराब पड़कर बड़ा खुलासा किया है जिससे अवैध शराब का कारोबार करने वालों के पसीने टीम ने छुड़ा दिए हैं, जिससे अवैध शराब कारोबारी अब भागते नजर आ रहे हैं। आबकारी विभाग टीम ने एक ही दिन में दो बड़ी कार्रवाई ग्राम टांडी में अवैध शराब को लेकर देखने को मिली है।

अभी कर दो साहब करवाई नहीं तो रात को शराब लगा देगा ठिकाने पर

रानापुर तहसील के ग्राम टांडी सुबह 10 लाख रुपए के लगभग की अवैध शराब पड़कर टीम ने राहत की सांस ली थी कि मुखबिर का फोन आया कि साहब आपने जहां सुबह अवैध शराब पकड़ी है उससे आधे किलोमीटर दूर एक अन्यत्र जगह पर और बड़ी मात्रा में अवैध शराब का कच्चे मकान के गोडाउन में अवैध शराब का जखीरा पड़ा है, क्योंकि अवैध शराब कारोबारी को लगता है कि ग्राम टांडी में आज सुबह टीम ने अवैध शराब पकड़ी है तो कहीं मेरे यहां तो कार्रवाई नहीं हो जाए जिसके चलते अवैध शराब कारोबारी रात होने का इंतजार कर रहा है वो रात होते ही अवैध शराब को ठिकाने लगा देगा, उसको अब लगता है कि कहीं टीम कही मेरे यहां के ठिकाने पर एक-दो दिन में करवाई तो नहीं कर दे जिसके चलते अवैध शराब कारोबारी सतर्क हो गया है, साहब आप अभी टीम को लेकर पहुंच जाओ नहीं तो अवैध शराब कारोबारी रात को अवैध शराब को पक्का ठिकाने लगा देगा। और कल कुछ नहीं मिलेगा..? आपको आज ही आना होगा और कार्रवाई करनी होगी। वही मुखबिर की सूचना के आधार पर ही टीम तत्काल एक्टिव होकर मौके से दलबल के साथ रवाना हो गई और मुखबिर के बताएं स्थान पर जाकर ग्राम टांडी मे उक्त लोकेशन पर धावा बोल दिया, टीम ने जैसे ही कच्चे मकान के गोदाम में जाकर देखा तो हक्के-बक्के हो गई और बड़ी मात्रा में अवैध शराब का जखीरा टीम के हाथ लग गया। जिसे टीम ने अपने कब्जे में ले लिया। जिसकी लागत 12 लख रुपए के लगभग की बताई जा रही है।

ग्राम टांडी अचानक बड़ी मात्रा मे अवैध शराब के जखीरे के पिछे का राज..?

ग्राम टांडी में टीम को 6 महीने या साल भर में गिनती के अवैध शराब के प्रकरण मिलते थे और वह भी हजार से लेकर लाख रुपए के अवैध शराब के प्रकरण दर्ज होते थे उसी ग्राम टांडी मे अचानक एक ही दिन में दो बड़ी खेप अवैध शराब की टीम को जब्ती में आती है जिससे लगता है कि ग्राम टांडी से गुजरात जाने का रास्ता का अवैध शराब कारोबारी तस्करी कर कर बड़ा फायदा उठाने में लगे रहते हैं जिसके चलते एक ही दिन में दो बड़ी खेप अवैध शराब की मिलना कई संभावनाओं को व्यक्त कर रही है फिलहाल तो पकड़ी गई अवैध शराब का आरोपी पकड़ से दूर ही सही लेकिन टीम ने अवैध शराब कारोबारी की तलाश तेज कर दी है जिससे पकड़ में आने के बाद कई राज खुलने की संभावना टीम लग रही है की इतनी बड़ी मात्रा में अवैध शराब क्यों रख रखी थी आखिर इसके पीछे का राज आरोपी के पकड़ में आने के बाद ही लग सकेगा।

दूसरी बड़ी कार्यवाही में 12 लाख रुपये से अधिक की अवैध शराब जप्त की

झाबुआ ज़िला आबकारी अधिकारी बसंती भूरिया के मार्गदर्शन में टीम ने मुखबिर की सूचना पर बताये स्थान पर पहुंचे पुराने कच्चे मकान में तलाशी लेने पर माउन्ट 6000  सुपर स्ट्रांग बियर कैन, कुल 392 पेटी जप्त की,फरार आरोपी शैलेन्द्र पिता कन्हैयालाल नायक निवासी ग्राम टाण्डी  के विरूद्ध मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1 प्रकरण दर्ज किया गया है। जप्त अवैध शराब की अनुमानित बाजार मूल्य राशि रुपये 12,23,040/- है।