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अवैध पटाखा फैक्ट्री पर देपालपुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई

थाना प्रभारी रणजीत सिंह बघेल की सूझबूझ और टीमवर्क से टला बड़ा हादसा, 500 किलो सुतली बम बरामद

संदीप सेन

देपालपुर। ग्राम जलोदियापार में संचालित अवैध पटाखा फैक्ट्री का देपालपुर पुलिस ने भंडाफोड़ कर क्षेत्र को एक बड़े संभावित हादसे से बचा लिया है। देपालपुर पुलिस को विश्वसनीय सूचना प्राप्त हुई कि संजय शर्मा नामक व्यक्ति द्वारा गांव जलोदियापार के बाहर खेत में बने एक गोडाउन में अवैध रूप से पटाखों का निर्माण किया जा रहा है। इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी रणजीत सिंह बघेल ने तत्काल कार्रवाई की योजना बनाई और एक टीम गठित कर मौके पर दबिश दी। दबिश के दौरान पुलिस को गोडाउन के भीतर से भारी मात्रा में अवैध विस्फोटक सामग्री मिली, जिसमें लगभग 500 किलो सुतली बम और पटाखे बनाने के उपकरण व रसायन शामिल थे। पुलिस ने मौके से दो आरोपियों संजय शर्मा और हिमांशु शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है।

प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि आरोपीगण लंबे समय से अवैध रूप से पटाखों का निर्माण कर रहे थे और उन्हें आसपास के क्षेत्रों में खपाने की तैयारी में थे। इस महत्वपूर्ण कार्रवाई की आधारशिला खुफिया जानकारी रही, जिसे देपालपुर थाना के खुफिया विभाग के जिम्मेदार पुलिसकर्मी कांस्टेबल राजपाल गुर्जर ने बड़ी सतर्कता और गोपनीयता के साथ एकत्रित किया। राजपाल गुर्जर की सजगता और सूझबूझ के चलते पुलिस को समय रहते सही जानकारी प्राप्त हुई, जिसने इस पूरी कार्रवाई को दिशा दी। थाना प्रभारी रणजीत सिंह बघेल की तीव्र निर्णय क्षमता, खुफिया सूचना पर त्वरित एक्शन लेने की शैली और नेतृत्व क्षमता की जितनी सराहना की जाए उतनी कम है। उन्होंने न सिर्फ एक संगठित अवैध कारोबार पर प्रहार किया, बल्कि क्षेत्र को एक संभावित त्रासदी से भी बचा लिया। इस अभियान में उनकी अगुवाई निर्णायक सिद्ध हुई। इस सफल कार्रवाई को अंजाम देने में सहायक उप निरीक्षक कृष्ण कुमार राय, प्रधान आरक्षक 813 देवकरण रावले, आरक्षक 1774 रवि सिंह तोमर, 2455 विरेन्द्र पटेल और 750 सुनील गिरवाल ने भी अहम भूमिका निभाई। टीम ने संयम, साहस और सतर्कता का परिचय देते हुए बिना किसी जोखिम के कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाया। स्थानीय नागरिकों व सामाजिक संगठनों ने थाना देपालपुर की इस पहल की सराहना करते हुए कहा है कि थाना प्रभारी रणजीत सिंह बघेल जैसे कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी और उनकी दक्ष टीम क्षेत्र में कानून व्यवस्था को लेकर आमजन के विश्वास को मजबूत करते हैं। इस कार्रवाई से स्पष्ट हो गया है कि अवैध गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ देपालपुर पुलिस किसी भी स्तर तक जाकर कठोर कदम उठाने में सक्षम है। सूत्रों के अनुसार बरामद सामग्री की मात्रा और प्रकार को देखते हुए इस मामले को विस्फोटक अधिनियम और अन्य गंभीर धाराओं में दर्ज कर जांच आगे बढ़ाई जा रही है। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी टीम की पीठ थपथपाई गई है। देपालपुर पुलिस की यह कार्रवाई आने वाले त्योहारों में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुई है।

प्रसव के लिए आई महिला से डॉ. चुरिहार ने किया बुरा बर्ताव, निरीक्षण पर पहुंचे एसडीएम को हुई शिकायत

महू। महू का शासकीय मध्य भारत हॉस्पिटल अपनी बदहाली, और अव्यवस्थाओं के साथ ही खासकर प्रसव के लिए हॉस्पिटल में पहुंचने वाली महिलाओं के साथ चिकित्सक द्वारा की जा रही बदसलूकी को लेकर लम्बे समय से सुर्खियों में बना हुआ है। सोमवार को भी प्रसव के लिए आई एक महिला की सांस ने मध्य भारत हॉस्पिटल की महिला चिकित्सक डॉ. रीना चुरिहार पर बहू से बदसलूकी करने के आरोप लगाए है।

महूगांव सुपरसिटी निवासी कल्पना त्रिपाठी ने बताया कि सोमवार सुबह सात बजे मैं अपनी बहू हर्षिता त्रिपाठी को प्रसव के लिए हॉस्पिटल लेकर पहुंची थी। यहां पदस्थ मेटरनिटी कर्मचारी हर्षिता को प्रसव के लिए ऑपरेशन थिएटर में लेकर गए थे। कुछ समय बाद महिला चिकित्सक डॉ. रीना चुरिहार ऑपरेशन थिएटर में पहुंची और मेरी बहू हर्षिता को बिना प्रसव के ही थिएटर से बाहर कर दिया, आरोप है कि थिएटर के अंदर डॉ. रीना चुरिहार ने हर्षिता के साथ बदसलूकी की, इसके बाद डॉ. चुरिहार ने एक अन्य महिला को ऑपरेशन थिएटर में ले लिया और ऑपरेशन करने लगी। इससे परिजन आक्रोशित हो उठे। बताया जाता है हर्षिता का ऑपरेशन डॉ. प्रिती पाठक करने वाली थी। लेकिन चिकित्सकों की अनबन के चलते डॉ. चुरिहार ने हर्षिता को ओटी से बाहर कर दिया

निरीक्षण पर पहुंचे एसडीएम को शिकायत

सोमवार सुबह एसडीएम राकेश परमार और तहसीलदार विवेक सोनी एक अन्य मामले में हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान सुपरसिटी निवासी कल्पना त्रिपाठी ने डॉ. रीना चुरिहार पर कई गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद एसडीएम ने दोनों पक्षों की सुनवाई की। मौके पर पहुंची पुलिस ने डॉ. रीना चुरिहार और कल्पना त्रिपाठी के बयान भी लिए है।

डॉ. रीना चुरिहार की दर्जनों शिकायत

महू के मध्य भारत हॉस्पिटल में पदस्थ महिला चिकित्सक डॉ. रीना चुरिहार का बर्ताव किसी से छुपा नहीं है। मध्य भारत से दर्जनों शिकायत डॉ. चुरिहार के बुरे बर्ताव को लेकर अब तक सामने आ चुकी है। यहीं नहीं डॉ. चुरिहार की हॉस्पिटल के स्टॉफ के साथ ही अन्य महिला चिकित्सको से भी पटरी नहीं बैठती। कारण मुंहफट, और बड़बोलापन है। इधर डॉ. रीना चुरिहार अपने आप को बे-कसूर बताती है, उनका कहना है कि हॉस्पिटल में उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है, तांकि वें यहां से ट्रांसफर ले ले।

एक साल बाद भी भेरूसिंह पुलिस गिरफ्त से दूर जेल की 20 फीट ऊंची दीवार फांद कर भाग था

महू। पिछले साल जून माह के पहले साप्ताह में केसरबर्डी निवासी भेरूसिंह महू उपजेल की लगभग 20 फीट ऊंची दीवार को फांद कर भाग निकला था। इस मामले में भेरूसिंह की तलाश के लिए महू पुलिस ने एक विशेष टीम गठित की थी। लेकिन साल भर बीत जाने के बाद भी महू पुलिस के हाथ खाली ही रहे। बता दे कि भेरूसिंह थाना बड़गोंदा क्षेत्र के केसरबर्डी का निवासी है। जो धारा 376 के अपराध में जेल में बंद था। भेरूसिंह के जेल से फरार होने के बाद महू कोतवाली थाने में उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ था। गठित की गई पुलिस टीम ने शुरूआत दौर में खुब जांच पड़ताल और छानबिन की, लेकिन समय के साथ भेरूसिंह की तलाश भी ठंडे बस्ते में चली गई।

376 आरोपी जगदीश ने की थी ममद
भेरूसिंह को जेल से भगाने में एक अन्य 376 के आरोपी जगदीश पिता रमेश ने मदद की थी। महू पुलिस ने जगदीश का भी न्यायालय से रिमांड लेकर पूछताछ की थी। मामले में महू पुलिस ने भेरूसिंह को जेल से भगाने के मामले में जगदीश को भी आरोपी बनाया। लेकिन जगदीश ने जितना बताया उतना शायद महू पुलिस के लिए काफी नहीं था। इधर भेरूसिंह के घरवालो के मुताबिक उनका भेरूसिंह से अब तक कोई संपर्क नहीं हो सका है। परिवार भी भेरूसिंह को खोजते खोजते हताश हो गया।

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आरोपी युवक के खिलाफ दुष्कर्म, पास्को एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज

मध्यभारत हॉस्पिटल के टॉयलेट से नवजात का शव मिलने का मामला

महू। शासकीय मध्यभारत हॉस्पिटल के कॉमन टॉयलेट में एक नवजात का शव मिला था। इस बात का खुलासा तब हुआ, जब हॉस्पिटल के टॉयलेट से एक कुत्ता नवजात के शरीर के एक भाग को मुंह में दबोचकर हॉस्पिटल में घूमता नजर आया। मामला महू पुलिस तक पहुंचा और पड़ताल हुई तो पता चला कि रात्रि दो बजे बाद पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची 17 वर्षीय नाबालिग ने हॉस्पिटल के कॉमन टॉयलेट में नवजात (लड़की) को जन्म दिया और साथ आई मां के साथ दबे पैर हॉस्पिटल से लौट गई।

इस मामले में तीन दिन बाद महू पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर नाबालिग व उसकी मां को बीएनएस की धारा 94 के तहत नोटिस देकर गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने नाबालिग का मेडिकल भी कराया है। इसके अलावा मामले में महू पुलिस ने नाबालिग के ग्राम कालाकुंड लोधिया क्षेत्र के एक युवक के खिलाफ दुष्कर्म एवं पास्को एक्ट की धारा के तहत महू थाने में प्रकरण दर्ज कर केस डायरी सिमरोल पुलिस को सौंपी है। अब मामले में आगे की जांच और कार्रवाई सिमरोल पुलिस करेगी।

मां भी बेटी के गर्भ से अनजान थी
पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि नाबालिग के गर्भ से उसकी मां भी अनजान थी। नाबालिग ने हॉस्पिटल पहुंचने के बाद मां को गर्भ की बात बताई, यह सुनते ही मां ने नाबालिग को एक तमाचा भी जड़ा, जो हॉस्पिटल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ। इसके बाद मां के साथ नाबालिग हॉस्पिटल में पहुंची और पेट दर्द की शिकायत बताई। यहां मौजूद डॉ. रेखा सोनी ने मेटरनिटी वार्ड में चेकअप के लिए भेजा, लेकिन वहां न जाते हुए नाबालिग सीधे टॉयलेट में पहुंच गई और बच्ची को जन्म दे दिया। कुछ देर बाद मां भी टॉयलेट में पहुंची तो जन्मी बच्ची को देख सकपका गई। मां नवजात को वहीं छोड़ नाबालिग को लेकर सीधे हॉस्पिटल से बाहर चली गई।

सिमरोल पुलिस करेगी कार्रवाई
इस मामले में अब सिमरोल पुलिस आरोपी युवक की तलाश में जुट गई है, जिसने नाबालिग के साथ कृत्य किया। बताया जाता है युवक ने बहला-फुसलाकर नाबालिग के साथ यह कृत्य किया था।

हॉस्पिटल के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन


मंगलवार को स्थानीय कांग्रेसियों ने हॉस्पिटल परिसर के बाहर जमकर प्रदर्शन करते हुए हॉस्पिटल स्टाफ पर लापरवाही के आरोप लगाए। कांग्रेसियों का कहना था कि अगर डॉक्टर मरीज को ठीक ढंग से अटेंड करते तो शायद नवजात की मौत नहीं होती। कांग्रेसियों ने लापरवाह स्टाफ के प्रति हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर एक ज्ञापन भी नायब तहसीलदार राधावल्लभ धाकड़ को सौंपा। वहीं एक अन्य नेता ने कहा कि मध्यभारत में इतना बड़ा कांड हो गया और महू की नेतृत्वकर्ता तीन प्रमुख नेत्रियों ने संज्ञान तक लेना उचित नहीं समझा, यह अपने आप में निंदनीय है।

रिश्वत मांगने वाले पटवारी को लोकायुक्त ने पकड़ा

देपालपुर। जमीन के सीमांकन के लिए 7000 रु. की रिश्वत मांगने पर लोकायुक्त ने एक पटवारी को पकड़ा है। आवदेक लखन पिता रामलाल पाटनी निवासी गणेश नगर, खंडवा नाका इंदौर ने लोकायुक्त में शिकायत की थी कि उसकी ग्राम देवराखेड़ी की जमीन नपती को लेकर पटवारी सुनील परमार पटवारी हल्का क्र. 39, देवराखेड़ी तहसील देपालपुर द्वारा 7000 रु. की मांग की जा रही थी, जिसका सीमांकन कार्य अप्रैल में हो चुका है। आवेदक ने फोन पर पटवारी से बात की तो उसने फोन पर ही 7000 रुपए मांगे। यह बात फोन में रिकॉर्ड कर ली। इसे जांचकर्ता उप पुलिस अधीक्षक सुनील तालान को प्रस्तुत की। रिकॉर्डिंग पर से रिश्वत की मांग स्पष्ट होना पाई गई है। इस साक्ष्य के आधार पर केस दर्ज कर विवेचना में लिया है।

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ग्रामीण पुलिस का उत्कृष्ट कार्य – मई माह में गुम हुई अधिकांश नाबालिग गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश तथा राजस्थान में मिली

इंदौर। जिला ग्रामीण पुलिस ने मई माह में गुम हुई 52 नाबालिग बालिकाओं को खोज निकाला है। पुलिस की इस सक्रियता से 52 परिवारों में दोबारा से खुशियां लौटी है। एएसपी रूपेश कुमार द्विवेदी के मुताबिक इंदौर जिला ग्रामीण पुलिस ने डीजीपी कैलाश मकवाना (आईपीएस) के निर्देश पर एक विशेष अभियान के तहत मई माह में गुम हुई 52 बालिकाओं को विभिन्न क्षेत्रों व प्रांतो से खोज कर उनके माता पिता को सौंपा है। इस अभियान में जिला ग्रामीण का थाना सांवेर एवं गौतमपुरा उत्कृष्ट रहा। दोनों ही थानों के प्रभारियों ने गुमशुदा बालिकाओं को खोजने में 100 प्रतिशत सफलता अर्जित की। जबकि थाना किशनगंज, बेटमा व सिमरोल ने 60 से 80 प्रतिशत सफलता इस अभियान में अर्जित की।  

एएसपी रूपेश कुमार द्विवेदी के मुताबिक ज़िले में नाबालिग बालिकाओं के गुम होने के मामले लगभग प्रतिदिन आ रहे हैं जिससे पीडित परिवार के लोग मानसिक रूप से परेशान हो रहे है। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस द्वारा गुम हुई नाबालिग बालिकाओं को खोजने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। जिसमें उनको उनके वास्तविक परिजनों को सौंपा गया। इस संबंध में प्रत्येक थाने से 1-1 की टीम गठित की गई थी जो बालिकाओं को खोजने का विशेष प्रयास कर रही थी। इस अभियान में कई राज्यों से बालिकाओं को खोज कर लाया गया जिसमें से मुख्य रूप से गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश तथा राजस्थान है।

हाथी और घोड़े के बीच युद्ध : सैलाना रोड़ , पलसोड़ा फाटे की घटना : वीडियो हुआ वायरल : घोड़े से बचकर भागते नजर आए गजराज : बड़ी मशक्कत से महावतो ने पाया  गजराज पर काबू : प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, गजराज को काटने दौड़ रहा था घोड़ा।

रतलाम : रतलाम के सैलाना रोड पर आज एक अद्भुत नजारा देखने को मिला। यहाँ हाथी और घोड़े के बीच हुए संघर्ष को देखकर राहगीर ठहर गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घोड़ा हाथी को काटने के लिए दौड़ रहा था, जिससे बचने की कोशिश करते हुए गजराज नज़र आ रहे थे।

महावत गजराज के पीछे-पीछे दौड़कर उन्हें काबू में करने कि कोशिश कर रहे थे। वही घोड़ा हाथी को दौड़ा रहा था। इसी दौरान, गजराज ने एक मोटरसाइकिल भी गिरा दी और यहां वहां  दौड़ते नज़र आए । लेकिन घोड़ा कहां हाथी का पीछा छोड़ने वाला था।

अंत में, घोड़े से बचने के लिए गजराज ने दौड़ लगा दी। पास खड़े किसी व्यक्ति ने इस पूरे वीडियो को अपने मोबाइल में कैद कर लिया, जो सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल रहा है।  ख़बर है कि हाथी को देखकर घोड़ा अस्तबल तोड़कर उसके पीछे लग गया और काफी देर तक दोनों के बीच यह जुगलबंदी चलती रही। लेकिन थोड़ी देर बाद घोड़ा बेकाबू हो गया और उसने हाथी को काटने की कोशिश शुरू कर दी, जिससे घबराकर हाथी दौड़ लगा दी। गनीमत रही कि गजराज बीच सड़क पर या किसी वाहन के पीछे नहीं दौड़े, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।

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