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पीथमपुर सेक्टर-03 में खुलेआम शराब बिक्री का विरोध तेज, औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों में कर्मचारियों की सुरक्षा पर संकट

पीथमपुर (धार)। औद्योगिक नगरी पीथमपुर के सेक्टर-03 में अवैध रूप से संचालित शराब दुकानों के खिलाफ स्थानीय नागरिकों और श्रमिक संगठनों का विरोध तेज हो गया है। क्षेत्र में स्थित दर्जनों नामी कंपनियों के सामने खुलेआम शराब बिक्री से कर्मचारी और श्रमिक वर्ग लगातार असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

जनसुनवाई में दर्ज हुई शिकायत
20 अगस्त 2024 को कलेक्टर कार्यालय जनसुनवाई शाखा में विनोद सिंह चौहान द्वारा शिकायत क्रमांक 32 के तहत आवेदन दर्ज किया गया, जिसमें बताया गया कि औद्योगिक क्षेत्र के वार्ड-30 में एलएनटी, टाटा स्टील, ग्रासिम, बलानी, लेक्सिनी, शराब भट्टी, स्टील अथॉरिटी, अल्ट्राटेक, एशियन पेंट, सिंटेक्स, एशार मशीन, समेत 25 से अधिक कंपनियों के आसपास शराब दुकानों का संचालन किया जा रहा है।

अवैध गतिविधियों को बढ़ावा
शिकायतकर्ताओं के अनुसार शराब की दुकानों के कारण मोबाइल लूट, झगड़े, छेड़छाड़ और आपराधिक घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है। कंपनी प्रबंधन और सुरक्षाकर्मियों को भी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रात में ट्रकों और माल वाहनों की आवाजाही के दौरान शराबियों की गतिविधियाँ चुनौती बन चुकी हैं।

कई विभागों को ज्ञापन
शिकायत की प्रतिलिपियाँ जिला आबकारी अधिकारी धार, एसडीएम महोदय, सहायक आयुक्त महोदय, पुलिस थाना प्रभारी पीथमपुर और सहायक आबकारी अधिकारी सागौर को सौंपी गईं हैं। क्षेत्रीय प्रतिनिधि और स्थानीय निवासियों द्वारा सामूहिक रूप से यह मांग की गई है कि इन शराब दुकानों को तत्काल बंद किया जाए और पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को सुरक्षित बनाया जाए।

प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की मांग
स्थानीय रहवासियों और सामाजिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलनात्मक कदम उठाए जाएंगे। औद्योगिक क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने हेतु अवैध शराब बिक्री पर कठोर कार्यवाही की मांग की गई है।

मंत्री विजय शाह का इस्तीफा तय, ‘कर्नल सोफिया’ पर विवादित बयान बना मुसीबत, जानिए लंबे राजनीतिक करियर में कब-कब आए तूफान

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति में एक बार फिर उस नाम की चर्चा है जो विवादों से जुड़ते ही सुर्खियों में आ जाता हैं। भाजपा के वरिष्ठ मंत्री विजय शाह ने हाल ही में कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान के कारण खुद को चौतरफा घिरा पाया है। उन्होंने कर्नल सोफिया को ’आतंकियों की बहन’ कहकर संबोधित किया, जिससे सिर्फ विपक्ष ही नहीं, बल्कि उनकी अपनी पार्टी भाजपा के भीतर भी नाराजगी की लहर फैल गई है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने भी इस बयान पर नाराजगी जताई है और अब एक बार फिर उनकी मंत्री पद की कुर्सी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। विजय शाह का विवादों से नाता कोई नया नहीं है। यह पहला मौका नहीं है जब उन्होंने अपने शब्दों से भाजपा के लिए असहज परिस्थितियां पैदा की हों। सालों से राजनीति में सक्रिय रहने के बावजूद उनकी भाषा और आचरण पर नियंत्रण न होना, उन्हें बार-बार संकट में डालता आया है। कर्नल सोफिया को लेकर दिया गया यह बयान उस लापरवाही की ताजा मिसाल है, जिसके कारण भाजपा को सार्वजनिक रूप से सफाई देनी पड़ रही है और विपक्ष को हमला बोलने का नया हथियार मिल गया है।

मंत्री विजय शाह की गिनती भाजपा के अनुभवी नेताओं में होती है। हरसूद विधानसभा सीट से वे लगातार सात बार विधायक निर्वाचित हो चुके हैं और अब आठवीं बार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। एक आदिवासी नेता के रूप में उनकी पहचान बनी हुई है और इसी आधार पर उन्हें गौर सरकार, शिवराज सिंह चौहान और वर्तमान मोहन सरकार में मंत्री पद सौंपा गया। वर्तमान में वे जनजातीय कार्य, सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभागों के मंत्री हैं। लेकिन इतना लंबा अनुभव भी उनके बयानों में संयम नहीं ला पाया।


साल 2020 में भी विजय शाह ने एक ऐसा विवाद खड़ा किया था जिसे लेकर राष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी हुई। मशहूर अभिनेत्री विद्या बालन की फिल्म ‘शेरनी’ की शूटिंग मध्यप्रदेश में चल रही थी। उस समय विजय शाह वन मंत्री थे। बताया गया कि मंत्रीजी विद्या बालन के साथ डिनर करना चाहते थे। जब यह ऑफर अभिनेत्री ने ठुकरा दिया, तो नाराज होकर मंत्री ने शूटिंग रुकवा दी। मामला मीडिया में आया तो सरकार को सफाई देनी पड़ी और बाद में शूटिंग फिर से शुरू हो पाई। यह प्रकरण महिला कलाकारों और स्वतंत्र कार्य संस्कृति को लेकर सरकार की छवि पर एक बड़ा सवाल बनकर उभरा। इसके बाद एक और घटना में विजय शाह ने सरकारी नियमों की अनदेखी करते हुए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के प्रतिबंधित क्षेत्र में अपने दोस्तों के साथ चिकन पार्टी की। जंगल में आग जलाकर पार्टी का वीडियो जब वायरल हुआ, तो जनता और पर्यावरण कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया। सरकार ने जांच के आदेश तो दिए, लेकिन अंततः मामला रफा-दफा कर दिया गया। यह घटना पर्यावरण संरक्षण को लेकर सरकार की कथनी और करनी के बीच के अंतर को उजागर करती रही।


विजय शाह के राजनीतिक करियर में एक ऐसा किस्सा भी शामिल है जो उन्हें एक जुझारू नेता के रूप में सामने लाता है, लेकिन साथ ही प्रशासन से सीधे टकराव की झलक भी देता है। 1998 में चुनाव जीतने के बाद जब खंडवा में पुलिस हिरासत में एक ढोलक बजाने वाले युवक की मौत हुई, तो शाह ने इस घटना का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया और एक थाना प्रभारी को थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने उन्हें बुरी तरह पीटा और उनका पैर फ्रैक्चर हो गया। यह घटना न सिर्फ सुर्खियों में रही, बल्कि शाह की राजनीति में टकराव के तेवर भी सामने आए। इससे पहले भी वे विवादों में रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान की सरकार के दौरान उन्होंने खुद मुख्यमंत्री की पत्नी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी। नतीजतन, उन्हें मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था। हालांकि, उनकी संगठन में पकड़ इतनी मजबूत रही कि चार महीने बाद ही उन्हें दोबारा कैबिनेट में जगह मिल गई। इससे स्पष्ट होता है कि भले ही वे कितने भी विवादों में घिरें, उनकी राजनीतिक ताकत में कभी खास कमी नहीं आई।


अगर विजय शाह के राजनीतिक सफर की बात करें तो उनका आरंभ छात्र राजनीति से हुआ। इंदौर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़कर उन्होंने कॉलेज चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाई। वर्ष 1990 में वे पहली बार मध्यप्रदेश विधानसभा में पहुंचे और तब से 1993, 1998, 2003, 2008, 2013, 2018 और 2023 में लगातार हरसूद से विधायक निर्वाचित होते रहे हैं। यह सिलसिला उनकी राजनीतिक क्षमता और जनाधार को तो दिखाता है, लेकिन उनके द्वारा बार-बार की जाने वाली बयानबाजियों ने पार्टी की साख पर प्रश्नचिह्न भी लगाए हैं।

अब एक बार फिर मंत्री विजय शाह अपने विवादित बयान के कारण संकट में हैं। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की नाराजगी के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें मंत्री पद से हटाया भी जा सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस बार क्या रुख अपनाती है। क्या उन्हें फिर से माफ कर आगे बढ़ा दिया जाएगा या इस बार पार्टी एक सख्त उदाहरण पेश करेगी। इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ है कि सार्वजनिक पदों पर बैठे नेताओं को शब्दों की मर्यादा और संवैधानिक दायित्व की समझ होना अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि एक लापरवाह टिप्पणी न केवल व्यक्तिगत छवि को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि पार्टी और सरकार की साख पर भी गहरा प्रभाव डालती है। विजय शाह के ताजा विवाद ने न सिर्फ उनकी कुर्सी हिला दी है, बल्कि भाजपा की अंदरूनी राजनीतिक सतह को भी एक बार फिर हिला कर रख दिया है।

मुकदमा दर्ज, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की
जबलपुर हाईकोर्ट के निर्देश पर महू के मानुपर थाने में मंत्री विजय शाह के खिलाफ बीएनएस की धारा 152, 196(1)(ख), 197(1)(ग), के तहत केस दर्ज किया गया है। मानपुर के छापरिया में ही मंत्री शाह ने आपत्तिजनक बयान दिया था। इधर अपनी कुर्सी बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे शाह को कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझना चाहिए और यह भी समझना चाहिए कि वे कैसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब न केवल शाह का इस्तीफा तय है। बल्कि उनकी गिरफ्तारी भी संभव है। इधर इस मामले में पार्टी ने न तो मंत्री विजय शाह का बचाव किया और न ही विरोध किया। कल देर रात मुख्यमंत्री के बैंगलुरु से लौटने के बाद मुख्यमंत्री निवास पर भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, हितानंद शर्मा की बैठक के बाद शाह को इस्तीफा देने के लिए कहा गया था। लेकिन शाह ने सुप्रीम कोर्ट की याचिका के फैसले का इंतजार करने को कहा था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिलने के बाद अब मंत्री इस्तीफे की पेशकश के करीब है।

E-PAPAR RANGEELA PRADESH

E-PAPER

कृषि उपज मंडी के सचिव और लिपिक को 30 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा :  ईओडब्ल्यू  इंदौर के कार्रवाई

अनाज क्रय-विक्रय लायसेंस जारी करने के एवज में मांगे थे 30 हजार, शिकायत के बाद हुई ट्रैप की कार्रवाई

महू । महू कृषि उपज मंडी में ईओडब्ल्यू इंदौर की टीम ने दबिश देकर मंडी के प्रभारी सचिव विक्रम सिंह चौहान एवं लिपिक किशोर माविक सहित एक अन्य व्यापारी कृष्णा अग्रवाल को रिश्वत की राशि लेते ट्रैप किया है। पुलिस अधीक्षक ईओडब्ल्यू  इंदौर को शिकायतकर्ता अनिल सैनी, निवासी महू ने शिकायत की थी कि महू कृषि उपज मंडी में अनाज का क्रय-विक्रय लाइसेंस जारी करने के एवज में प्रभारी मंडी सचिव द्वारा 30 हजार रिश्वत की मांग की गई है। शिकायत के सत्यापन के बाद ईओडब्ल्यू के ट्रैप दल ने यहां कार्रवाई की है। ट्रैप दल ने कार्यालय के कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को भी जब्ती में लिया है।  

डिजिटल साक्ष्य से हुई पुष्टि
ईओडब्ल्यू इंदौर की ट्रैप टीम में शामिल डीएसपी नंदिनी शर्मा ने जानकारी में बताया कि शिकायत का परीक्षण कर शिकायतकर्ता को आरोपीगण के पास पुष्टि हेतु भेजा गया था जिसमें डिजिटल साक्ष्य में आरोपीगण विक्रम सिंह चौहान एवं लिपिक किशोर माविक के द्वारा रिश्वत की राशि 30 हजार रुपये मंडी के ही अन्य व्यापारी कृष्णा अग्रवाल को देने को कहा गया। साक्ष्य के आधार पर शुक्रवार दोपहर 3 बजे ईओडब्ल्यू इंदौर के ट्रैप दल द्वारा कृषि उपज मंडी डोंगरगांव महू में ट्रैप की कार्यवाही की गई।

रिश्वत राशि वसूलते ही हुए ट्रैप
डीएसपी नंदिनी शर्मा ने बताया कि उक्त कार्यवाही में रिश्वत की राशि 30 हजार रूपए मंडी निरीक्षक विक्रम सिंह चौहान एवं लिपिक किशोर माविक के कहें अनुसार जैसे ही शिकायतकर्ता अनिल सैनी द्वारा व्यापारी कृष्णा अग्रवाल को दी गई तभी यहां पहले से मौजूद ट्रैप दल द्वारा उसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया। मौके पर तत्काल ही मंडी प्रभारी सचिव विक्रम सिंह चौहान एवं लिपिक किशोर माविक को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ एवं कार्रवाई शुरू की गई। मामले में तीनों आरोपियों के विरूद्ध धारा 7 पीसी एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। कृषि उपज मंडी के कार्यालय में व्यापारियों को क्रय-विक्रय करने के लाइसेंस में रिश्वत संबंधी अपराध की विवेचना में मंडी कार्यालय में तलाशी कर दस्तावेज जब्त किये गए हैं। इस कार्रवाई में ईओडब्ल्यू इंदौर ट्रैप दल की डीएसपी नंदिनी शर्मा, डीएसपी संजय मिश्रा, निरीक्षक योगेन्द्र सिंह सिसोदिया सहित अन्य 14 अधिकारी शामिल थे।

अवैध मुरम परिवहन करते दो डंपरों को पकड़ा

महू एसडीएम राकेश परमार की औचक कार्रवाई

महू। महू एसडीएम राकेश परमार ने औचक कार्रवाई करते हुए दो डंपरों को अवैध मुरम व गिट्टी का परिवहन करते हुए पकड़ा है, मामले में दोनों डंपर वाहनों सहित चालक के विरूद्ध (अवैध खनन, परिवहन तथा भंण्डारण का निवारण) नियम 2022 एवं मध्य प्रदेश गोण खनिज नियम 1996 एवं मध्य प्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम 2019 के तहत कार्रवाई की गई है। ज्ञात हो कि पूर्व में भी एसडीएम राकेश परमार ने इस तरह की औचक कार्रवाई की है। शुक्रवार को की गई कार्रवाई के बाद अवैध परिवहन कर्ताओं एवं खनन माफियाओं में हड़कंप मच गया।  

जानकारी मुताबिक इंदौर महू एबी रोड़ से खनिज मटेरिय (मुरम) का अवैध परिवहन करते हुए डंपर क्रं. एमपी 09 झेड एक्स 7560 को रोक कर जांच की गई। डंपर के चालक बबलू पिता बुदिया से मुरम की रॉयल्टी के संबंध में दस्तावेज मांगे गए, लेकिन चालक कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सका।

इसी प्रकार डंपर क्र. एमपी 09 डीजी 3609 को भी रोका गया। उक्त डंपर में मुरम मटेरियल भरा हुआ पाया गया। डंपर चालक मुकेश पिता ऐडू से रॉयल्टी के संबंध में दस्तावेज मांगे गए लेकिन वह भी कोई दस्तावेज पेश नहीं कर पाया। लिहाजा दोनों ही डंपरों के विरूद्ध खनिज अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई करते हुए दोनों डंपरों को आगे की कार्रवाई के लिए किशनगंज पुलिस के सुर्पूद किया गया।

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इस्लामी आतंकवाद के विरोध में बंद रहा सैलाना

आतंकवाद का किया पुतला दहन – कठोर कार्रवाई के लिए सौंपा ज्ञापन

सैलाना। शनिवार को सकल हिंदू समाज के आह्वान पर पूरा नगर स्वेच्छा पूर्वक बंद रहा। दोपहर को सभी सकल हिंदू समाज पैलेस चौराहे पर एकत्रित होकर पैदल बस स्टैंड पर आये। यहा पर आतंकवाद का पुतला दहन कर जोरदार नारेबाजी करते हुए थाना परिसर पहुंचे।

यहा पर सकल हिंदू समाज की और से राष्ट्रपति के नाम एसडीएम मनीष जैन को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुआ कायराना आतंकी हमला बेहद शर्मनाक और निंदनीय है। यह नृशंस हमला मानवता के खिलाफ एक जघन्य अपराध है, जिसकी जितनी निंदा की जाए, वो कम है।

इस हमले में 26 भारतीय नागरिकों की मौत हुई है। यह हमला देश की एकता व अखंडता पर प्रहार करने का दुःसाहस है। जिसका सैलाना नगर के समस्त नागरिक एकजुट होकर इसकी कडी भर्त्सना करते है। सभी ने हमले में मारे गए निर्दोषजनों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। इस दौरान थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह गड़रिया भी उपस्थित थे।

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वोट बेचने वाले अगले जन्म में ऊंट-भेड़, कुत्ता-बिल्ली बनेंगे : उषा ठाकुर

महू। महू के हासलपुर गांव में एक कार्यक्रम के दौरान विधायक उषा ठाकुर ने लोकतंत्र की रक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कुछ हजार रुपए के लिए वोट बेचना देश के साथ गद्दारी है। ऐसा करने वाले अगले जन्म में ऊंट-भेड़, कुत्ता-बिल्ली बनेंगे। विधायक का दावा है कि भगवान से उनकी सीधी बातचीत है।

उषा ठाकुर ने कहा ’लोकतंत्र में हम वोट डालने जाते हैं, तो आप अकेले होते हैं। अगर किसी ने कुछ ले दे भी लिया तो ले लो भाई, लेकिन वोट डालते समय अपना ईमान मतगवाओ, वोट तो भाजपा को ही देना, जो राष्ट्र, धर्म, संस्कृति की सेवा करती है। आगे विधायक ने कहां मैं फिर कहती हूं जिसने बेईमानी की, जिसने ग्लासधारियों से पैसे, साड़ी, दारू लेकर तटस्थ हुए। सब अपनी डायरी में लिख लेना पक्का अगले जन्म में ऊंट-भेड़-बकरी, कुत्ते-बिल्ली बनने वाले हैं। क्योंकि इन्होंने लोकतंत्र बेचा है। यह वही बनने वाले हैं। भगवान से मेरी सीधी बात चीत है। विधायक ने कहा कि भाजपा सरकार लाड़ली बहना और किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं से लोगों के खातों में हजारों रुपये भेज रही है। ऐसे में 1500 या 5000 रुपये में वोट बेचना शर्मनाक है।

तालाब के भूमिपूजन कार्यक्रम में पहुंची थीं विधायक

महू विधायक उषा ठाकुर बुधवार को हासलपुर में पांचीपाला तालाब के कार्य का भूमिपूजन करने पहुंची थीं। उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों का ध्यान रखते हैं, उसी तरह हम पानी का भी ध्यान रखें। उसे बर्बाद ना करें। टोटी खुली पड़ी रहती है और पानी सड़कों पर बहता है। यह गलत है। हम जिस तरह बच्चों का ध्यान रखते हैं, उसी तरह पानी का ध्यान भी रखें। उन्होंने यहां 1 करोड़ 22 लाख की लागत से तालाब की पाल निर्माण का भूमिपूजन किया। पं. कमल व्यास ने पूजन कर भूमि पूजन करवाया।

1970 के बाद से नहीं हुआ काम

गौरतलब है कि वर्ष 1970 के बाद अब तक तालाब का कार्य नहीं हुआ था। तालाब की मरम्मत के बाद अब 180 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुगमता आएगी। सिंचाई विभाग के अनुसार जब तक नहर चले, तब तक मोटर चला सकते हैं। नहर बंद होने के बाद अगर किसी ने तालाब में मोटर चलाई, उस पर कठोर कार्रवाई होगी।