महू। पिछले साल जून माह के पहले साप्ताह में केसरबर्डी निवासी भेरूसिंह महू उपजेल की लगभग 20 फीट ऊंची दीवार को फांद कर भाग निकला था। इस मामले में भेरूसिंह की तलाश के लिए महू पुलिस ने एक विशेष टीम गठित की थी। लेकिन साल भर बीत जाने के बाद भी महू पुलिस के हाथ खाली ही रहे। बता दे कि भेरूसिंह थाना बड़गोंदा क्षेत्र के केसरबर्डी का निवासी है। जो धारा 376 के अपराध में जेल में बंद था। भेरूसिंह के जेल से फरार होने के बाद महू कोतवाली थाने में उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ था। गठित की गई पुलिस टीम ने शुरूआत दौर में खुब जांच पड़ताल और छानबिन की, लेकिन समय के साथ भेरूसिंह की तलाश भी ठंडे बस्ते में चली गई।
376 आरोपी जगदीश ने की थी ममद भेरूसिंह को जेल से भगाने में एक अन्य 376 के आरोपी जगदीश पिता रमेश ने मदद की थी। महू पुलिस ने जगदीश का भी न्यायालय से रिमांड लेकर पूछताछ की थी। मामले में महू पुलिस ने भेरूसिंह को जेल से भगाने के मामले में जगदीश को भी आरोपी बनाया। लेकिन जगदीश ने जितना बताया उतना शायद महू पुलिस के लिए काफी नहीं था। इधर भेरूसिंह के घरवालो के मुताबिक उनका भेरूसिंह से अब तक कोई संपर्क नहीं हो सका है। परिवार भी भेरूसिंह को खोजते खोजते हताश हो गया।
मध्यभारत हॉस्पिटल के टॉयलेट से नवजात का शव मिलने का मामला
महू। शासकीय मध्यभारत हॉस्पिटल के कॉमन टॉयलेट में एक नवजात का शव मिला था। इस बात का खुलासा तब हुआ, जब हॉस्पिटल के टॉयलेट से एक कुत्ता नवजात के शरीर के एक भाग को मुंह में दबोचकर हॉस्पिटल में घूमता नजर आया। मामला महू पुलिस तक पहुंचा और पड़ताल हुई तो पता चला कि रात्रि दो बजे बाद पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची 17 वर्षीय नाबालिग ने हॉस्पिटल के कॉमन टॉयलेट में नवजात (लड़की) को जन्म दिया और साथ आई मां के साथ दबे पैर हॉस्पिटल से लौट गई।
इस मामले में तीन दिन बाद महू पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर नाबालिग व उसकी मां को बीएनएस की धारा 94 के तहत नोटिस देकर गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने नाबालिग का मेडिकल भी कराया है। इसके अलावा मामले में महू पुलिस ने नाबालिग के ग्राम कालाकुंड लोधिया क्षेत्र के एक युवक के खिलाफ दुष्कर्म एवं पास्को एक्ट की धारा के तहत महू थाने में प्रकरण दर्ज कर केस डायरी सिमरोल पुलिस को सौंपी है। अब मामले में आगे की जांच और कार्रवाई सिमरोल पुलिस करेगी।
मां भी बेटी के गर्भ से अनजान थी पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि नाबालिग के गर्भ से उसकी मां भी अनजान थी। नाबालिग ने हॉस्पिटल पहुंचने के बाद मां को गर्भ की बात बताई, यह सुनते ही मां ने नाबालिग को एक तमाचा भी जड़ा, जो हॉस्पिटल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ। इसके बाद मां के साथ नाबालिग हॉस्पिटल में पहुंची और पेट दर्द की शिकायत बताई। यहां मौजूद डॉ. रेखा सोनी ने मेटरनिटी वार्ड में चेकअप के लिए भेजा, लेकिन वहां न जाते हुए नाबालिग सीधे टॉयलेट में पहुंच गई और बच्ची को जन्म दे दिया। कुछ देर बाद मां भी टॉयलेट में पहुंची तो जन्मी बच्ची को देख सकपका गई। मां नवजात को वहीं छोड़ नाबालिग को लेकर सीधे हॉस्पिटल से बाहर चली गई।
सिमरोल पुलिस करेगी कार्रवाई इस मामले में अब सिमरोल पुलिस आरोपी युवक की तलाश में जुट गई है, जिसने नाबालिग के साथ कृत्य किया। बताया जाता है युवक ने बहला-फुसलाकर नाबालिग के साथ यह कृत्य किया था।
हॉस्पिटल के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन
मंगलवार को स्थानीय कांग्रेसियों ने हॉस्पिटल परिसर के बाहर जमकर प्रदर्शन करते हुए हॉस्पिटल स्टाफ पर लापरवाही के आरोप लगाए। कांग्रेसियों का कहना था कि अगर डॉक्टर मरीज को ठीक ढंग से अटेंड करते तो शायद नवजात की मौत नहीं होती। कांग्रेसियों ने लापरवाह स्टाफ के प्रति हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर एक ज्ञापन भी नायब तहसीलदार राधावल्लभ धाकड़ को सौंपा। वहीं एक अन्य नेता ने कहा कि मध्यभारत में इतना बड़ा कांड हो गया और महू की नेतृत्वकर्ता तीन प्रमुख नेत्रियों ने संज्ञान तक लेना उचित नहीं समझा, यह अपने आप में निंदनीय है।
देपालपुर। जमीन के सीमांकन के लिए 7000 रु. की रिश्वत मांगने पर लोकायुक्त ने एक पटवारी को पकड़ा है। आवदेक लखन पिता रामलाल पाटनी निवासी गणेश नगर, खंडवा नाका इंदौर ने लोकायुक्त में शिकायत की थी कि उसकी ग्राम देवराखेड़ी की जमीन नपती को लेकर पटवारी सुनील परमार पटवारी हल्का क्र. 39, देवराखेड़ी तहसील देपालपुर द्वारा 7000 रु. की मांग की जा रही थी, जिसका सीमांकन कार्य अप्रैल में हो चुका है। आवेदक ने फोन पर पटवारी से बात की तो उसने फोन पर ही 7000 रुपए मांगे। यह बात फोन में रिकॉर्ड कर ली। इसे जांचकर्ता उप पुलिस अधीक्षक सुनील तालान को प्रस्तुत की। रिकॉर्डिंग पर से रिश्वत की मांग स्पष्ट होना पाई गई है। इस साक्ष्य के आधार पर केस दर्ज कर विवेचना में लिया है।
इंदौर। जिला ग्रामीण पुलिस ने मई माह में गुम हुई 52 नाबालिग बालिकाओं को खोज निकाला है। पुलिस की इस सक्रियता से 52 परिवारों में दोबारा से खुशियां लौटी है। एएसपी रूपेश कुमार द्विवेदी के मुताबिक इंदौर जिला ग्रामीण पुलिस ने डीजीपी कैलाश मकवाना (आईपीएस) के निर्देश पर एक विशेष अभियान के तहत मई माह में गुम हुई 52 बालिकाओं को विभिन्न क्षेत्रों व प्रांतो से खोज कर उनके माता पिता को सौंपा है। इस अभियान में जिला ग्रामीण का थाना सांवेर एवं गौतमपुरा उत्कृष्ट रहा। दोनों ही थानों के प्रभारियों ने गुमशुदा बालिकाओं को खोजने में 100 प्रतिशत सफलता अर्जित की। जबकि थाना किशनगंज, बेटमा व सिमरोल ने 60 से 80 प्रतिशत सफलता इस अभियान में अर्जित की।
एएसपी रूपेश कुमार द्विवेदी के मुताबिक ज़िले में नाबालिग बालिकाओं के गुम होने के मामले लगभग प्रतिदिन आ रहे हैं जिससे पीडित परिवार के लोग मानसिक रूप से परेशान हो रहे है। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस द्वारा गुम हुई नाबालिग बालिकाओं को खोजने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। जिसमें उनको उनके वास्तविक परिजनों को सौंपा गया। इस संबंध में प्रत्येक थाने से 1-1 की टीम गठित की गई थी जो बालिकाओं को खोजने का विशेष प्रयास कर रही थी। इस अभियान में कई राज्यों से बालिकाओं को खोज कर लाया गया जिसमें से मुख्य रूप से गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश तथा राजस्थान है।
रतलाम : रतलाम के सैलाना रोड पर आज एक अद्भुत नजारा देखने को मिला। यहाँ हाथी और घोड़े के बीच हुए संघर्ष को देखकर राहगीर ठहर गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घोड़ा हाथी को काटने के लिए दौड़ रहा था, जिससे बचने की कोशिश करते हुए गजराज नज़र आ रहे थे।
महावत गजराज के पीछे-पीछे दौड़कर उन्हें काबू में करने कि कोशिश कर रहे थे। वही घोड़ा हाथी को दौड़ा रहा था। इसी दौरान, गजराज ने एक मोटरसाइकिल भी गिरा दी और यहां वहां दौड़ते नज़र आए । लेकिन घोड़ा कहां हाथी का पीछा छोड़ने वाला था।
अंत में, घोड़े से बचने के लिए गजराज ने दौड़ लगा दी। पास खड़े किसी व्यक्ति ने इस पूरे वीडियो को अपने मोबाइल में कैद कर लिया, जो सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल रहा है। ख़बर है कि हाथी को देखकर घोड़ा अस्तबल तोड़कर उसके पीछे लग गया और काफी देर तक दोनों के बीच यह जुगलबंदी चलती रही। लेकिन थोड़ी देर बाद घोड़ा बेकाबू हो गया और उसने हाथी को काटने की कोशिश शुरू कर दी, जिससे घबराकर हाथी दौड़ लगा दी। गनीमत रही कि गजराज बीच सड़क पर या किसी वाहन के पीछे नहीं दौड़े, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
महू। 8 फरवरी की अलसुबह एक दंपत्ति से मानपुर पीथमपुर फोरलाइन पर पांजरिया फाटे के समीप बाइक सवार चार बदमाशो द्वारा चाकू अड़ाकर लूट की घटना को अंजाम दिया गया था। मामले में बड़गोंदा पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है पुलिस ने उसने लुटी गई रकम भी बरादम की है।
8 फरवारी को पीडित अनिल बरडे पिता जगदीश बरडे 28 साल निवासी वार्ड नंबर 14 कृष्ण कालोनी पीथमपुर ने बड़गोंदा पुलिस को बताया कि वें अपनी मोटरसायकिल से पत्नी को साथ लेकर पीथमपुर से एबी रोड फोरलेन होते हुए अपने घर निवाली जिला बडवानी जा रहे थे। सुबह करीबन 05.30 बजे पांजरिया फाटा फोरलाईन के पास चार अज्ञात युवको ने उन्हे रोक लिया और चाकू अड़ाकर सोने चांदी की रकम छीन ली। शिकायत के आधार पर बडगोंदा पुलिस ने धारा 309(4)(6) बी.एन.एस.के तहत मामला दर्ज किया। इसी प्रकार 18 अप्रैल को रामकुमार पिता श्यामदेव साहनी उम्र 52 साल निवासी ग्राम भंवरा पोस्ट कवठोर तहसील मेहदावल जिला संत कबीर नगर उत्तर की रिपोर्ट पर बड़गोंदा थाने पर धारा 309(4) बीएनएस का प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया।
मामले में थाना बड़गोंदा को मुखबिर द्वारा ग्वाल हुण्डी के व्यक्तियों के बारे मे जानकारी दी गई जिस पर दो नाबालिग संदेश निवासी ग्वाल हुण्डी से पूछताछ की गई जिसमें उन्होंने अपने साथी मांगीलाल पिता अमर सिंह 22 साल निवासी बिलावली चाँदा लसूडिया इंदौर व मनीष उर्फ लोकेश पिता हरिसिंह निवासी बिलावली हाटपिपलिया देवास के साथ मिलकर रात्रि में हाईवे पर मोटरसाइकिल अड़ाकर लूट करना तथा हाईवे पर कार मे रात्री के समय सो रहे दंपति को चाकू दिखाकर लूट करना स्वीकार। नाबालिग की निशानदेही पर आरोपी मांगीलाल उर्फ सोनू उर्फ सूरज उर्फ दुर्लभ व मनीष उर्फ लोकेश चौहान को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई। पुलिस ने आरोपियों सोना चांदी की रकम बरामद की है।
इंदौर। इंदौर जिले में अवैध कॉलोनियों में की गई प्लॉटों की रजिस्ट्री को शून्य कराया जाएगा। कॉलोनाइजरों को प्लॉट धारकों को राशि भी वापस करना होगी। इसके लिए कॉलोनी सेल को प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि अवैध कॉलोनियों से अनियोजित विकास होता है, जो शहर के लिए घातक हैं। इंदौर में अभियान चलाकर अवैध कॉलोनाइजरों के विरूद्ध अनेक तरह की कार्रवाई की जा रही है।
कॉलोनी सेल को किया गया निर्देशित
कॉलोनाइजरों को प्लॉट धारकों को राशि भी वापस करना होगी। कॉलोनी सेल को निर्देशित किया गया है कि वे जिन कॉलोनियों के संबंध में एफआईआर दर्ज कराई गई है, प्रकरण कोर्ट में चल रहे हैं, कॉलोनी अवैध घोषित की गई है, उन मामलों में रजिस्ट्री शून्य करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए।
कॉलोनाइजरो के उड़े तोते अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री शून्य और प्लॉट धारको को राशि लोटाने के फरमान के बाद मानो अवैध कॉलोनियों के कॉलोनाइजरों के तोते उड़ गए हो। क्योंकि अधिकांश अवैध कॉलोनियों के मामले में सामने आया है कि एक ही कॉलोनाइजर द्वारा फार्म हाउस के नाम पर दो से तीन अवैध कॉलोनियों को काटा गया है। इनमें अधिकांश कॉलोनाइजरों ने एक प्रोजेक्ट से मोटी राशि अर्जित कर दूसरे प्राजेक्ट और दूसरे से तीसरे प्रोजेक्टर में लगाई है। पिछले साल अवैध कॉलोनियों पर गिरी गाज के बाद इन कॉलोनियों के कॉलोनाइजरों ने यू टर्न यानी इस व्यापार से कुछ समय के लिए दूरी बना ली। अब तक कॉलोनाइजरों को लग रहा था कि उन पर दर्ज मुकदमा वें एक समय में दंड़ भर कर निपटा लेंगे। लेकिन कलेक्टर द्वारा हाल ही में कॉलोनी सेल को दिये गए निर्देश के बाद अवैध कॉलोनियों के कॉलोनाइजरों की मुश्किले और अधिक बड़ती नजर आ रही है।
इनका कहना – जल्द ही रजिस्ट्री शून्य होने प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी। सूची बनाने का काम शुरू हो चुका है। वर्तमान में अवैध कॉलोनियों में प्लॉट लेने वाले लोगों को उनकी पूंजी दिलवाई जाएगी। आशीष सिंह, कलेक्टर