देपालपुर। प्रथम जिला न्यायाधीश श्री हिदायत उल्ला खान की अदालत में एक अनोखा और भावुक कर देने वाला मामला सामने आया। देपालपुर तहसील के ग्राम भिडौता निवासी बादल और रितु, जो पिछले दो वर्षों से अलग-अलग रह रहे थे और तलाक का प्रकरण न्यायालय में लंबित था, वे अंततः आपसी सुलह कर एक हो गए।
दोनों की दो छोटी संतानें हैं, जो मां रितु के साथ रहकर पढ़ाई कर रही थीं। जब न्यायालय में दोनों के बीच आपसी मतभेद कम होने की संभावना दिखी, तो माननीय जिला न्यायाधीश हिदायत उल्ला खान ने यह मामला मध्यस्थता केन्द्र में भेजा। वहाँ प्रशिक्षित मध्यस्थ एवं वरिष्ठ सिविल जज श्रीमती रिजवाना कौसर द्वारा की गई कुशल मध्यस्थता और समझाइश के फलस्वरूप, दोनों पक्षों ने आपसी वैचारिक मतभेद भुलाकर साथ रहने का निर्णय लिया।
आपसी सहमति से राजीनामा होने के बाद, न्यायालय परिसर में एक अत्यंत भावुक दृश्य देखने को मिला। माननीय न्यायाधीश ने न्यायालय के विश्राम कक्ष में, अधिवक्ताओं की उपस्थिति में, दंपती की पुत्री के हाथों दोनों को मिठाई खिलवाकर और मिठाई भेंट कर उन्हें शुभकामनाओं के साथ विदा किया।
इस अवसर पर उभय पक्ष के अधिवक्ता श्री टी.आर. रघुवंशी, श्री प्रदीप पटेल सहित वरिष्ठ अधिवक्ता बी.आर. पटेल, सी.एस. जोशी एडवोकेट, संदीप ठाकुर, भरत पटेल और अन्य अधिवक्तागण भी उपस्थित रहे।
यह प्रसंग न केवल मध्यस्थता प्रक्रिया की सफलता को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि न्यायालय केवल विवादों का निपटारा नहीं करता, बल्कि टूटते परिवारों को जोड़ने का भी सशक्त माध्यम बन सकता है।