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संगठित समाज ही सम्मान और समृद्धि का हकदार है साआ

महू। मनुष्य मात्र एक जीव नहीं एक सामाजिक प्राणी है समाज ही उसका जीवन, उसका विकास और उसकी पहचान है , यह जब समाज के बीच आकर लेते हैं तब समाज की शक्ति अनंत हो जाती है, संगठित समाज केवल बाहरी रूप से ही मजबूत नहीं होता है , बल्कि वह हर सदस्य को भावात्मक सुरक्षा संस्कृतिक गौरव और सामाजिक सम्मान की अनुभूति प्रदान करता है, संगठित समाज ही सम्मान और समृद्धि का हकदार है,
यह विचार चौरसिया समाज के राष्ट्रीय प्रवक्ता द्वारका चौरसिया ने मुख्य अतिथि के रूप में उद्घाटित कि

अध्यक्षता करते हुए सकल तंबोली समाज की राष्ट्रीय महामंत्री कीर्ति मोदी ने उद्बोधित किया कि आज हर समाज का व्यक्ती अपने खुद के स्वार्थ और उपलब्धियों के पीछे दौड़ रहा है, उन्हें समाज से कोई लेना देना नहीं है , इस समय ऐसे आयोजन समाज को जोड़ने सहेजने और संवारने का काम करते हैं, इस से हम एक जुट होते हैं, हमारी पहचान मजबूत होती है व आवाज बुलंद होती है , विशेष अतिथि एडवोकेट वीरेंद्र पटेल सुशीला चौरसिया, व सतीश चौरसिया रहे।

आरंभ में अतिथियों का स्वागत नीति चौरसिया, एकता चौरसिया, शिव चौरसिया अमितेश चौरसिया अनंत चौरसिया व अजय चौरसिया ने किया अतिथि परिचय एडवोकेट उमेश चौरसिया द्वारा दिया गया ,

अतिथियों द्वारा समाज के वरिष्ठों का सम्मान किया गया तथा समाज के युवाओं की सराहनीय सेवा व समाज को एक सूत्र में बांधने के लिए सम्मानित किया एवं इस पर्व के आयोजन को सुषुप्त अवस्था से पुनर्जागरण की ओर ले जाने के सफल प्रयास कि सराहना की गयी एवं इसी प्रकार से निरंतरता रखने का आव्हान किया गया, युवाओं ने उक्त वचन पूर्ण करने सहृदय संकल्प लिया ,

प्रतिभावान छात्रों को प्रोत्साहित करने हेतु सोहन चौरसिया एवं राम चौरसिया द्वारा पृथक-पृथक अपनी-अपनी ओर से पुरस्कृत किया गया ,

समाज की गतिविधियों का विवरण आनंद चौरसिया द्वारा दिया गया व नाग पंचमी के महत्व को गायन के रूप में अंकेश चौरसिया व बबलू चौरसिया द्वारा बताया गया, प्रसिद्ध लेखक सुनील चौरसिया द्वारा अपने सारगर्भित विचार समाज के लिए रखे गए कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर संगीता चौरसिया व मीना चौरसिया द्वारा किया गया आभार प्रदर्शन सोहनलाल चौरसिया द्वारा व्यक्त किया गया।

कावड़ यात्रियों की दुर्घटना : घायलों का समुचित उपचार जारी, कलेक्टर आशीष सिंह ने दिए बेहतर इलाज के निर्देश

इंदौर। खंडवा रोड पर हुई दुर्भाग्यपूर्ण सड़क दुर्घटना में घायल कावड़ यात्रियों का समुचित उपचार कराया जा रहा है। सभी घायलों की स्थिति अब सामान्य बताई गई है, जबकि एक गंभीर रूप से घायल ध्रुव पिता सत्यनारायण (नंदन नगर) का इलाज बाम्बे अस्पताल में जारी है। प्रशासन द्वारा सभी घायलों के इलाज का खर्च शासकीय मद से वहन किया जा रहा है।

कलेक्टर आशीष सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि घायलों को बेहतर से बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाए और उपचार में किसी भी प्रकार की कोर-कसर नहीं होनी चाहिए। इस दुर्घटना में एक कावड़ यात्री आदर्श पिता संजय नाथ (राज नगर) की मृत्यु हो गई है। जिला प्रशासन द्वारा तत्काल सहायता के रूप में उनके परिजनों को रेडक्रॉस फंड से 50 हजार रुपये तथा एक अन्य मद से 15 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

 एसडीएम महू राकेश परमार ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। कुल 6 घायलों में से 5 यात्रियों जितेन्द्र पिता प्रेमनारायण (न्याय नगर), यश पिता संदीप (लालबाग), विकास पिता बाबूलाल (नंदन नगर), शुभम पिता सुरेश (नंदन नगर) तथा दुर्गेश पिता विजय (जय भवानी नगर) का इलाज एमवाय अस्पताल में किया जा रहा है। घायलों के उपचार पर जिला प्रशासन द्वारा निरन्तर जानकारी रखी जा रही है और आवश्यक सभी चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।

आबकारी इंदौर द्वारा अवैध मदिरा के विरूद्ध की गई कड़ी कार्यवाही

इंदौर जिले में कलेक्टर आशीष सिंह और सहायक आयुक्त आबकारी अभिषेक तिवारी के निर्देशन में अवैध मदिरा के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। आबकारी कंट्रोलर देवेश चतुर्वेदी और डिप्टी कंट्रोलर मनोज अग्रवाल के नेतृत्व में आबकारी विभाग इंदौर द्वारा अवैध मदिरा के विरुद्ध लगातार सख़्त ऑपरेशन चलाया जा रहा है। ताज़ा कार्रवाई में विभाग की तीन टीमों ने अलग-अलग  वृत सांवेर , बालदा कॉलोनी (फूटी कोटी) और भोईमोहल्ला क्षेत्र में छापे मारकर कुल 326 पाव देसी मदिरा (58.26 बल्क लीटर), 1 पेटी विदेशी मदिरा और 2 पेटी देशी/विदेशी मदिरा जब्त की है। साथ ही दो दोपहिया वाहन (एक एक्टिवा, एक हीरो प्लेजर) भी ज़ब्त किए गए।

पकड़े गए आरोपी/अभियुक्तों में से एक महिला को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है, जबकि अन्य के विरुद्ध आबकारी अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। पूरी बरामदगियों का करीब बाजार मूल्य 1 लाख 71 हजार 124 रुपए आँका गया है।

यह कार्रवाई आबकारी उप निरीक्षक त्रिअम्बिका शर्मा, मीरा सिंह, शालिनी सिंह एवं उनकी टीम की सतर्कता एवं समर्पण का परिणाम है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि अवैध मदिरा पर इस तरह के अभियान लगातार जारी रहेंगे।

घटनाओं को रोकने पर्यटन स्थल पर सिमरोल पुलिस की सख्ती जारी

पुलिस की सख्ती से शराब खोरी पर भी लगा विराम, हडदंग करने वालो ने छोड़ा क्षेत्र

सिमरोल। जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलो में शुमार सिमरोल क्षेत्र का तिंछा फाल इन दिनो सैलानियों के लिए शांति सुकून और तफरीह का जरिया बना हुआ है। इसके अलावा सैलानी कजलीगढ़ और अन्य प्राकृतिक स्थलो पर भी हर दिन पहुंच रहे है। इस लिहाज से सिमरोल पुलिस लगातार तिंछाफाल सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर ना सिर्फ मुस्तैद नजर आ रही है, बल्कि सैलानियों के यहां वहां घूमने पर भी सख्ती बरतते हुए वीरान जंगल में प्रवेश न करने की हिदायत देती नजर आ रही है।

दरअसल जिला ग्रामीण के सिमरोल थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले तिंछा फाल पर हर साल बड़ी तादात में सैलानी पहुंचते है। मानसून सीजन व लुभावने मौसम के चलते यहां हर दिन इंदौर आस पास से सैलानी पहुंच रहे है। मुख्यतः यहां फाल से निचे गिरने वाला झरना दुधिया होकर आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। यह पर्यटन स्थल देखने में जितना मनमोहक है, अपराध व घटनाओं के मामले में भी उतनी ख्याती रखता है। पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए सिमरोल थाना प्रभारी अमित कुमार स्वयं इस स्थल पर निगहबान है।

विरान में जाने से रोकना है प्राथमिकता
सिमरोल थाना प्रभारी अमित कुमार ने पीपुल्स समाचार से हुई चर्चा में बताया कि अमूमन शनिवार और रविवार को तिंछा फाल और कजली गढ़ सहित अन्य स्थानों पर प्राकृतिक प्रेमियों की भीड़ बनी रहती है। ऐसे में वारदात और अन्य खतरे की गुजांइश कम ही रहती है। लेकिन अन्य दिनों में सैलानियों के संख्या सीमित दायरे में होती है, ऐसे में पर्यटन स्थल पर निगहबान रहना आवश्यक हो जाता है। सैलानी तफरीह के दौरान वीरान जंगल तक पहुंच जाते है, जिस पर पुलिस सख्त है और रोक टोक कर लोटा भी रही है। इसके अलावा सैलानियों को खतरनाक स्थान पर जाने से भी रोकना हमारी प्राथमिकता बनी हुई है। अधिकांश सैलानी सेल्फी की चाह में ऐसा जोखिम उठाते है। जिन्हे ना सिर्फ रोक जा रहा है बल्कि समय आने पर सख्ती के साथ हिदायत भी दी जा रही है।

पुलिस की सख्ती से हुआ संभव
सिमरोल पुलिस पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की सुरक्षा को लेकर संकल्पित नजर आ रही है। मानसून सीजन की शुरुआत से ही सिमरोल पुलिस ने अपनी निगहबानी यहां तेज रखी है। कल तक जो युवा यहां आकार खुले रूप से शराब खोरी करते थे उन्होने भी पुलिस की सख्ती के चलते क्षेत्र को छोड़ दिया है। उसी के परिणाम है कि यहां से अब तक कोई चिंताजन खबर निकल कर सामने नहीं आई। इसके विपरित अगर पूर्व के आकड़े देखे तो यहां कई हादसे व वारदात हो चुकी है। कई मामले तो ऐसे भी रहे जिसमें लाज लोभ के डर से रिपोर्ट तक दर्ज नहीं कराई गई। लेकिन थाना प्रभारी अमित कुमार के रहते क्षेत्र में व्यापक रूप से कानून का पालन होता नजर आ रहा है। पुलिस की इस संवेदनशीलता के प्रति क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं गणमान्यों ने भी अपनी कृतज्ञता व्यक्त की है।

एएसपी द्विवेदी ने ली निसर्ग वैली के फार्म हाउस संचालकों की क्लास

महू। तमाम शिकवा शिकायतो के बाद एएसपी रूपेश कुमार द्विवेदी फार्म हाउस के कमर्शियल संचालन के विरूद्ध सख्त नजर आए। दरअसल देहात के बड़गोंदा थाना अंतर्गत निसर्ग वैली में कई फार्म एवं रिसोर्ट व होटलो का संचालन लम्बे समय से हो रहा है। यहां निजी शोक मोज के लिए बनाए गए फार्म हाउस को इनके मालिकों ने कमाई का जरिया भी बना लिया। एक तरह से दिन व रात की पार्टियों के लिए मोटा किराया वसूल इनका कमर्शियल संचालन भी नियमों के विरूद्ध किया जा रहा है। पुलिस को निसर्ग  वैली के कई फार्म हाउस में आयोजित पार्टियों की शिकायत भी मिली है। पिछले दिनों  भी ऐसा ही मामला पुलिस के संज्ञान में आया था जिसमें बर्थडे पार्टी के नाम पर रेव पार्टी की जारी थी। लिहाजा इस पूरे मामले में अब एएसपी रूपेश कुमार द्विवेदी गंभीर नजर आ रहे है। एक दिन पूर्व उन्होने अपने कार्यालय में निसर्ग वैली के तमाम फार्म हाउस संचालक की जमकर क्लास लेते हुए सख्त दिशा निर्देश जारी किये।  

बैठक में एएसपी ने साफ शब्दों में कहा कि निजी फार्म का उपयोग व्यावसायिक तरीके से बिना अनुमति के नहीं किया जा सकता। इसके अवाला उन्होंने सख्त लहजे में यह भी कहा कि किसी भी व्यक्ति/समूहों को एक दिन के लिए किराए पर देने से पहले संबंधित थाने में लिखित सूचना दी जाए तथा आवश्यक अनुमति ली जाए। रात्रि में पार्टी आयोजन के समय ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नहीं किया जाए। विशेष रूप से रात्रि दस बजे से प्रातः छह बजे तक और दिन में भी यह बिना अनुमति न हो। एएसपी ने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी भी परिस्थिति में शराब पार्टी का आयोजन अवैधानिक है, यह ना हो और अगर ऐसा पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे सभी क्षेत्रों को कवर करते हुए लगवाए जाए तथा छह माह का स्टोरेज हो और पावर बैकअप हो इस बात भी विशेष ध्यान रखना अति आवश्यक है।

देपालपुर जनपद सीईओ मोहनलाल वर्मा सेवानिवृत्त, विदाई समारोह में उमड़ा स्नेह और सम्मान

देपालपुर। जनपद पंचायत देपालपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मोहनलाल वर्मा ने गुरुवार को प्रशासनिक सेवा के 37 वर्षों की गरिमामयी यात्रा पूरी कर सेवानिवृत्ति प्राप्त की। उनके सम्मान में जनपद सभागार में आयोजित विदाई समारोह ने एक भावुक लेकिन गरिमामयी वातावरण का रूप ले लिया। दोपहर ढाई बजे आरंभ हुए कार्यक्रम का समापन देर शाम हुआ, जिसमें जनपद से जुड़ा हर वर्ग उनके स्नेह, सरलता और सेवाभाव का साक्षी बना।

जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि गुमानसिंह पंवार ने मंच से मोहनलाल वर्मा को भावभीनी विदाई देते हुए कहा कि वर्मा ने अल्प समय में भी जनपद की कार्यप्रणाली को नई दिशा दी। उनका कार्यकाल न केवल प्रशासनिक दृष्टि से उल्लेखनीय रहा, बल्कि मानवीय मूल्यों की स्थापना के लिए भी याद किया जाएगा।

समारोह में जनपद सदस्य, ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक और जनपद स्टाफ की उपस्थिति इस बात की साक्षी रही कि वर्मा ने केवल आदेश नहीं दिए, बल्कि हर किसी के साथ समन्वय बनाकर कार्य संस्कृति को नया आयाम दिया। सभी ने पुष्पमालाएं पहनाकर और शुभकामनाओं के साथ उनके योगदान को सलाम किया।

कार्यक्रम के दौरान एक भावुक क्षण तब आया जब पंचायत कर निरीक्षक सुभाष पटेल के आग्रह पर मोहनलाल वर्मा और उनकी धर्मपत्नी ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाकर उस रिश्ते को मंच पर सजीव कर दिया जो वर्षों से एक-दूसरे का संबल बना रहा। यह दृश्य सभागार में उपस्थित सभी जनों के लिए अविस्मरणीय बन गया।

सरपंच संघ की ओर से बलदेव पटेल ने वर्मा को सम्मानपूर्वक सफा बांधा। वहीं सचिव संघ अध्यक्ष मोहनलाल मकवाना ने स्मृति चिन्ह भेंट कर उनके योगदान को चिरस्मरणीय बताया।

जनपदकर्मी राजेन्द्र खरे, जितेन्द्र शर्मा, राजेन्द्र गांगले, पंचायत सचिव विक्रम नागर, रमेश वर्मा, भूपेंद्र मकवाना और योगेश शर्मा सहित सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने वर्मा को सेवानिवृत्ति की शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

समारोह के पश्चात भव्य भोज का आयोजन किया गया, जिसमें सौहार्द और अपनत्व की भावनाएं परिलक्षित होती रहीं। मोहनलाल वर्मा की विदाई न केवल एक अधिकारी की सेवानिवृत्ति थी, बल्कि एक युग के अंत की तरह महसूस की गई—जिसमें सेवा, समर्पण और सजगता की मिसालें स्थापित हुईं।

न्यायालय ने तलाक के मुहाने पर खड़े दंपती को फिर मिलाया, बच्ची के हाथों मिठाई खिलाकर दी विदाई

देपालपुर। प्रथम जिला न्यायाधीश श्री हिदायत उल्ला खान की अदालत में एक अनोखा और भावुक कर देने वाला मामला सामने आया। देपालपुर तहसील के ग्राम भिडौता निवासी बादल और रितु, जो पिछले दो वर्षों से अलग-अलग रह रहे थे और तलाक का प्रकरण न्यायालय में लंबित था, वे अंततः आपसी सुलह कर एक हो गए।
दोनों की दो छोटी संतानें हैं, जो मां रितु के साथ रहकर पढ़ाई कर रही थीं। जब न्यायालय में दोनों के बीच आपसी मतभेद कम होने की संभावना दिखी, तो माननीय जिला न्यायाधीश हिदायत उल्ला खान ने यह मामला मध्यस्थता केन्द्र में भेजा। वहाँ प्रशिक्षित मध्यस्थ एवं वरिष्ठ सिविल जज श्रीमती रिजवाना कौसर द्वारा की गई कुशल मध्यस्थता और समझाइश के फलस्वरूप, दोनों पक्षों ने आपसी वैचारिक मतभेद भुलाकर साथ रहने का निर्णय लिया।

आपसी सहमति से राजीनामा होने के बाद, न्यायालय परिसर में एक अत्यंत भावुक दृश्य देखने को मिला। माननीय न्यायाधीश ने न्यायालय के विश्राम कक्ष में, अधिवक्ताओं की उपस्थिति में, दंपती की पुत्री के हाथों दोनों को मिठाई खिलवाकर और मिठाई भेंट कर उन्हें शुभकामनाओं के साथ विदा किया।

इस अवसर पर उभय पक्ष के अधिवक्ता श्री टी.आर. रघुवंशी, श्री प्रदीप पटेल सहित वरिष्ठ अधिवक्ता बी.आर. पटेल, सी.एस. जोशी एडवोकेट, संदीप ठाकुर, भरत पटेल और अन्य अधिवक्तागण भी उपस्थित रहे।

यह प्रसंग न केवल मध्यस्थता प्रक्रिया की सफलता को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि न्यायालय केवल विवादों का निपटारा नहीं करता, बल्कि टूटते परिवारों को जोड़ने का भी सशक्त माध्यम बन सकता है।

पीथमपुर में अवैध कॉलोनियों का ‘सिंडिकेट राज’ – नगरपालिका बनी दलालों की एजेंसी, करोड़ों का खुला खेल जारी

सरकारी खजाना लुटा, जनता लूटी, अपराधी सत्ता के मंच पर

जीवन खारीवाल, पीथमपुर। पीथमपुर नगर पालिका परिषद अब शासन की इकाई नहीं, बल्कि अवैध कॉलोनाइजरों की सहूलियत की एजेंसी बन चुकी है। जिन कॉलोनाइजरों के खिलाफ खुद नगर पालिका ने एफआईआर दर्ज करवाई, उन्हीं के अवैध कब्जों पर अब सड़क, नाली, बिजली और पानी जैसी सुविधाएं सरकारी पैसों से बनवाई जा रही हैं।

सेक्टर 1 से 3 तक की जमीनों पर बिना डायवर्जन, बिना टीएनसीपी अनुमति और बिना रेरा रजिस्ट्रेशन के जो कॉलोनियां उग आई हैं, वे न तो वैधानिक हैं और न ही नियमानुसार विकसित। लेकिन वहां नगरपालिका करोड़ों रुपये खर्च कर विकास कार्य करवा रही है, जैसे इन अवैध कॉलोनियों को वैधता का वरदान देना ही परिषद की पहली प्राथमिकता हो।

नगरपालिका अध्यक्ष सेवंती बाई पटेल और उनके पति सुरेश पटेल की भूमिका इस पूरे मामले में सबसे संदिग्ध और खतरनाक है। सुरेश पटेल खुद को ‘अध्यक्ष प्रतिनिधि’ घोषित कर, हर मंच, हर बैठक और हर फाइल पर नजर रखते हैं। जबकि नियमानुसार इस पद का कोई अस्तित्व ही नहीं है। फिर भी फाइलों पर उनकी परछाई रहती है और मंचों पर उनकी उपस्थिति टिकी रहती है।

क्या नगरपालिका कार्यालय अब पारिवारिक दुकान बन चुका है?
जिस तरह से सुरेश पटेल का हस्तक्षेप है, उससे ये स्पष्ट होता है कि पूरी परिषद उनके इशारों पर चल रही है।

विकास की आड़ में वैधता की लूट – यह सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं, अपराध है

विकास कार्यों के नाम पर जिन कॉलोनियों में सड़क-नाली बन रही है, वे कॉलोनियां अब तक नगर पालिका को हैंडओवर भी नहीं की गई हैं। यानी न वहां की ज़िम्मेदारी नगरपालिका की है, न कोई वैधानिक अधिकार। इसके बावजूद वहां सरकारी धन की बौछार हो रही है।

इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है कि जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज हो, उन्हीं को नगरपालिका फायदा पहुंचा रही है?

सिस्टम बिका हुआ है, विपक्ष गूंगा बना बैठा है

यह पूरा मामला सिर्फ सत्तापक्ष का नहीं। जब परिषद में कांग्रेस की बहुमत वाली परिषद और भाजपा के वरिष्ठ नेता एक जैसे चुप हैं, तो यह चुप्पी साज़िश की सहमति नहीं तो और क्या है?

पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपनी आत्मा बेच दी है।
वरना करोड़ों के इस खुले खेल पर कोई तो सवाल उठाता।

कागजों में स्वीकृति – हर हस्ताक्षर पर गंधाता घोटाला

नगरपालिका की हर निर्माण प्रक्रिया सर्वे, प्रस्ताव, टेंडर और भुगतान से होकर गुजरती है। हर चरण पर नगरपालिका अध्यक्ष की मुहर लगती है। फिर अब यह कहना कि “हमें जानकारी नहीं थी”, सिर्फ नाटक और लीपापोती है।

हर विकास कार्य की फाइल अध्यक्ष की मेज से गुजरती है। हर भुगतान पर उनका अनुमोदन होता है। और यदि नहीं होता, तो बिना स्वीकृति करोड़ों खर्च कैसे हुए?

भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी, लोकायुक्त जांच में फटेगा भयानक सच

यदि यह मामला लोकायुक्त या EOW की जांच के दायरे में आया, तो पीथमपुर नगरपालिका का काला सच उजागर होगा। सिर्फ लिप्त अधिकारियों और नेताओं की गिरफ्तारी ही नहीं, बल्कि कई सालों की योजनाएं रद्द होंगी, विकास कार्यों के नाम पर की गई फर्जीबाड़ियों की परतें खुलेंगी, और जनता को ठगने वालों का असली चेहरा बेनकाब होगा।

सीएमओ की चौंकाने वाली टिप्पणी – क्या वे भी मजबूर या शामिल है, उन्होंने कहा “यदि अवैध कॉलोनियों में नगरपालिका ने विकास कार्य करवाए हैं तो यह मेरी जानकारी में नहीं है। जांच कराऊंगा।”

तो फिर सवाल ये है – अगर सीएमओ को नहीं पता, तो फाइलें किसने पास कीं? भुगतान किसने किया?

क्या अब यह मान लिया जाए कि पीथमपुर नगरपालिका में सत्ता की एक समानांतर सरकार काम कर रही है, जो फाइलों को नियमों से नहीं, रिश्तों से चलाती है?

अब वक्त है – पूरे सिंडिकेट पर कड़ी कार्रवाई का

इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच, एफआईआर, घोटाले में लिप्त अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बर्खास्तगी, और करोड़ों के इस खेल में शामिल ठेकेदारों, कॉलोनाइजरों और नेताओं की संपत्ति ज़ब्ती ही एकमात्र रास्ता है। वरना आने वाले वक्त में यह ‘पीथमपुर मॉडल’ पूरे प्रदेश के लिए भ्रष्टाचार का प्रतीक बन जाएगा।

बरसते पानी में एसपी यांगचेन डोलकर भूटिया का औचक निरीक्षण, देपालपुर थाने में मचा हड़कंप

देपालपुर। मंगलवार रात्रि लगभग 8 बजे जब नगर बरसात में भीग रहा था, तभी इंदौर ग्रामीण की नवागत पुलिस अधीक्षक यांगचेन डोलकर भूटिया ने देपालपुर थाने का औचक निरीक्षण कर सभी को चौंका दिया। एसपी के अचानक पहुंचने से थाना परिसर में हड़कंप मच गया और मौजूद पुलिसकर्मी हड़बड़ी में सलामी देने लगे। निरीक्षण के दौरान एसपी भूटिया ने थाना रिकॉर्ड, लंबित प्रकरणों की स्थिति, शिकायतों के निराकरण रजिस्टर तथा अन्य व्यवस्थाओं का सूक्ष्मता से अवलोकन किया। उन्होंने टीआई कार्यालय को सुव्यवस्थित और अनुशासित पाकर संतोष व्यक्त किया। वहीं थाना परिसर के गार्डन की सफाई और रखरखाव को लेकर भी प्रसन्नता जताई। हालांकि निरीक्षण के समय कई पुलिसकर्मी ड्यूटी से नदारद पाए गए, जिस पर एसपी ने नाराजगी भी जताई और अनुशासन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बरसते पानी में रात के समय किए गए इस औचक निरीक्षण ने पुलिस महकमे में चेतावनी का संदेश दिया है कि नई एसपी कार्यप्रणाली में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं होगी।

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