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देपालपुर में आवारा मवेशियों का कहर..! प्रशासन की घोर लापरवाही, किसानों की फसलें तबाह

विधायक का वादा निकला सफेद झूठ – तीन साल बाद भी नगर परिषद सो रही गहरी नींद

जीवन खारीवाल,देपालपुर

देपालपुर में आवारा मवेशियों का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, लेकिन नगर परिषद प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। नगर परिषद अध्यक्ष अनीता महेशपुरी गोस्वामी, उपाध्यक्ष गोपाल कटेसरिया और सीएमओ बहादुरसिंह रघुवंशी की घोर लापरवाही से किसानों और आम जनता को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। आलम यह है कि सड़कों पर घूमते ये मवेशी हादसों को दावत दे रहे हैं, जबकि खेतों में घुसकर गेहूं, चना, प्याज और लहसुन की फसल को पूरी तरह तबाह कर रहे हैं। किसान दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, लेकिन उनकी खून-पसीने की कमाई को आवारा मवेशी चट कर रहे हैं, और प्रशासन इस गंभीर संकट को लेकर पूरी तरह बेपरवाह बना हुआ है।

तीन साल पहले विधायक ने किया था बड़ा दावा, लेकिन हकीकत में कुछ नहीं बदला

विधायक मनोज पटेल

तीन साल पहले विधायक मनोज पटेल ने नगर परिषद के प्रथम सम्मेलन में कहा था कि महज 10 दिनों में देपालपुर को आवारा मवेशियों से मुक्त कर दिया जाएगा। लेकिन तीन साल बीत गए, और हालात बद से बदतर हो गए। यह वादा भी उन तमाम जुमलों की तरह निकला, जो जनता को बहलाने के लिए किए जाते हैं। सवाल उठता है—आखिर प्रशासन और जनप्रतिनिधि कब जागेंगे? क्या किसान और नागरिक यूं ही परेशान होते रहेंगे..?

धार जिले के कानवन में सख्त नियम, फिर देपालपुर में क्यों लापरवाही ?

धार जिले के कानवन पशुहाट में आवारा मवेशियों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। यदि कोई मवेशी गलती से आ भी जाए, तो उसे उतरने ही नहीं दिया जाता। व्यापारियों पर सख्त नियम लागू किए गए हैं, ताकि वे मवेशियों को सड़कों पर छोड़कर न भागें। लेकिन देपालपुर नगर परिषद में ऐसी कोई नीति ही नहीं बनाई गई, जिससे मवेशियों पर नियंत्रण पाया जा सके। इंदौर संभाग के सबसे बड़े पशु हाट के बावजूद नगर परिषद प्रशासन हाथ पर हाथ रखकर बैठा है। आखिर क्यों देपालपुर में भी कानवन की तरह ठोस कदम नहीं उठाए जाते? क्या नगर परिषद के अधिकारी सिर्फ कुर्सियां तोड़ने के लिए बैठे हैं…?

कांग्रेस नेता मोहन राजेंद्र ठाकुर का प्रशासन पर करारा हमला

कांग्रेस नेता मोहन राजेंद्र ठाकुर

देपालपुर में फैली इस अराजकता को लेकर कांग्रेस नेता मोहन राजेंद्र ठाकुर ने नगर परिषद प्रशासन को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि नगर परिषद मवेशियों की समस्या को हल करने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। ठाकुर ने आवारा पशुओं को पकड़कर दूसरी जगह शिफ्ट करने और मंगलवार को लगने वाले पशु हाट में इन्हें न उतरने देने की सख्त मांग की। लेकिन सवाल यह है—क्या प्रशासन इस चेतावनी को गंभीरता से लेगा, या फिर जनता को यूं ही परेशानी में डालता रहेगा ?

आवारा मवेशियों की वजह से हो रही ये परेशानियां

✅ फसलें बर्बाद हो रही हैं, किसानों का भारी नुकसान
✅ सड़कों पर हर दिन हादसे बढ़ रहे हैं
✅ शहर में गंदगी और बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है
✅ व्यापारियों की मनमानी चरम पर, नगर परिषद की कोई सख्त नीति नहीं

प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा कौन भुगतेगा ?

किसानों और आम जनता की परेशानी को लेकर नगर परिषद प्रशासन पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है। सवाल यही है—आखिर नगर परिषद कब तक सोती रहेगी? क्या किसी बड़े हादसे के बाद ही प्रशासन की आंखें खुलेंगी? देपालपुर की जनता अब जागरूक हो चुकी है और प्रशासन की इस घोर लापरवाही को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो जनता सड़कों पर उतरकर इसका जवाब देगी!

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