डीजे पर हो रही कार्रवाई से खफा है डीजे संचालक
कई पुलिस अधिकारी एवं जवान हुए चोटिल, पुलिस वाहनों के कांच भी फोड़े
प्रशासन एवं पुलिस की लंबी समझाइश के बाद डीजे संचालकों ने किया चक्काजाम खत्म
विश्वनाथ सोनी, झाबुआ
झाबुआ। मप्र शासन द्वारा हाल ही में विवाह समारोह एवं जुलूस आदि में डीजे पर प्रतिबंध लगाया गया है। जिसके बाद जिले में प्रशासन एवं पुलिस द्वारा डीजे संचालकों पर ताबड़तोब कार्रवाई कर उनके चालान बनाने एवं डीजे वाहन जब्त करने से आक्रोशित जिलेभर के 50 से अधिक डीजे संचालक बुधवार को सड़क पर उतर आए।
शहर से सटे ग्राम करड़ावद बड़ी में नेशनल हाईवे मार्ग पर डीजे संचालकों ने अपने डीजे वाहन खड़े कर पूरे मार्ग को बाधित कर दिया। जिससे मार्ग के दोनों ओर लंबा जाम लग गया। पुलिस एवं प्रशासन को सूचना मिलने पर मौके पर डीजे संचालकों को समझाने पहुंची पुलिस पर डीजे संचालकां ने पथराव कर दिया। घटना में कई पुलिस अधिकारी और जवान चोटिल हो गए। पुलिस वाहन एवं अन्य वाहनों के कांच भी प्रदर्शनकारियों द्वारा फोड़े गए़। मामला गर्माता देख हाईवे को पुलिस छावनी में तब्दील किया गया। साथ ही प्रशासन एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा डीजे संचालकों को समझाइश दी गई कि वें चक्का जाम समाप्त कर शांति से बातचीत करें। काफी मशक्कत और समझाइश के बाद डीजे संचालकों ने चक्का जाम समाप्त किया।

पुलिस कार्रवाई को लेकर फुटा आक्रोश
मप्र शासन ने शादियों, जुलूस आदि में डीजे पर प्रतिबंध के आदेश जारी कर रखे है। जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन ने जिलेभर में सख्ती से कार्रवाई करते हुए शादियों, जुलूस जलसो में डीजे पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसे में बगैर अनुमति डीजे चलाने पर पुलिस द्वारा डीजी वाहन जब्ती के साथ ही चालानी कार्रवाई भी कर रही है। जिससे आक्रोशित डीजे संचालकों ने एक दिन पूर्व प्रशासन एवं पुलिस को चेतावनी देते हुए 5 मार्च, बुधवार को करड़ावद बड़ी में नेशनल हाईवे मार्ग पर दोपहर करीब 12 बजे से अपने-अपने डीजे वाहन सड़क पर खड़े कर नेशनल हाईवे मार्ग को बंद कर दिया। थोड़ी ही देर में हाईवे मार्ग पर दोनां ओर वाहनों की लंबी कतारे लग गई।

पुलिस ने किया लाठीचार्ज एवं आंसू गैस के छोड़े गोले
एसडीएम भास्करे गाचले, प्रभारी तहसीलदार सुनिल कुमार डावर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पीएम कुर्वे, डीएसपी कमलेश शर्मा, एसडीओपी रूपरेखा यादव, थाना प्रभारी आरसी भास्करे आदि डीजे संचालको को समझाने पहुंचे तो आक्रोशित डीजे संचालकों ने उन पर भी पत्थरबाजी शुरू कर दी। इनमें कई अधिकारियों एवं पुलिस जवानों को चोटे आई है। पत्थरबाजी की घटना के बाद रक्षित केन्द्र से अतिरिक्ति फोर्स के साथ ही व्रज वाहन बुलवाया गया। प्रदर्शनकारियों को रोकने एवं स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरे ऐहतियात के साथ पुलिस बल ने लाठी चार्ज करने के साथ आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इस बीच प्रदर्शनकारियों की ओर से भी पत्थर बरसते रहे। दो बार पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच मुठभेड़ हुई।
पूरे क्षेत्र में फैल सनसनी
इस घटना में ग्राम करड़ावद बड़ी सहित आसपास के गांवों छोटी करड़ावद, गोपालपुरा, मिंडल आदि गांव कस्बो में सनसनी फैल गई एवं सड़कों पर ग्रामीणां की अत्यधिक भीड़ एकत्रित हो गई। काफी देर तक तनातनी एवं गहमागहमी भरा माहौल रहा। डीजे संचालक अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे वहीं प्रशासन एवं पुलिस ने भी चक्काजाम समाप्त करवाने को लेकर रणनीति बनाई।
वरिष्ठ अधिकारियों ने दी समझाइश
दोपहर करीब 12 बजे से शुरू हुआ चक्का जाम शाम 4.30 बजे तक चलता रहा। इस बीच प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों ने डीजे संचालकों को बुलाकर उनसे बातचीत की। डीजे संचालकों ने बताया कि केवल झाबुआ जिले में ही डीजे संचालकों को बेवजह प्रशासन एवं पुलिस परेशान कर हम पर ताबड़तोब कार्रवाई कर रहीं है, जबकि समीपस्थ आलीराजपुर, धार, रतलाम, बड़वानी आदि जिलों में शादियों, जुलूस, चल समारोह आदि में खुले रूप से डीजे बज रहे है। इससे डीजे संचालकों का धंधा चोपट होने के साथ ही उन्हे भारी नुकसान पहुंच रहा है। डीजे संचालकों की मांग है कि उन्हें शादियों, जुलूस, चल समारोह में डीजे बजाने की लिखित में अनुमति दी जाए।
काफी मशक्कत के बाद चक्का जाम हुआ समाप्त
प्रशासनिक अधिकारियों ने तर्क दिया कि मप्र शासन द्वारा डीजे पर प्रतिबंध लगाया गया है। सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही अनुमति दी जा सकती है। साथ ही प्रदर्शनकारियों से कहा गया कि वह चक्काजाम समाप्त कर शांति से कलेक्टोरेट कार्यालय आकर बातचीत करें, तो समस्या का हाल निकाला जा सकता है। प्रशासन एवं पुलिस की काफी मान-मनोव्वल एवं समझाईश के बाद डीजे संचालकों ने चक्काजाम समाप्त किया एवं नेशनल हाईवे मार्ग पर आवागमन सुचारू हो सका।
