इंदौर। क्राइम ब्रांच की टीम ने सटोरियों की अंतर्राज्यीय गैंग का पर्दाफाश कर छह आरोपियों को शिकंजे में लिया है। आरोपी लोग ग्राहकों से एडवांस पेमेंट लेकर आईडी पर प्वॉइंट देते थे। आईडी के लिए वरुण ऑनलाइन हब नाम से वेबसाइट बना रखी थी।
एडिशनल पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने बताया कि लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि संयोगितागंज थाने के समीप उषागंज स्थित फ्लैट के सेकेंड फ्लोर पर ऑनलाइन गेमिंग का सट्टा संचालित किया जा रहा है। मुखबिर की सूचना पर टीम ने कार्रवाई की तो वहां कुछ युवक लैपटॉप एवं मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन सट्टा संचालित करते पाए गए। मामले में यहां से आरोपी हिमांशु खंडेलवाल निवासी महावीर नगर (12वीं पास), रवींद्र गौतम निवासी जिला गोंडा उप्र (10वीं पास), विवेक कुमार निवासी जिला भरतपुर राजस्थान (बीएससी पास), अमित कुमार मण्डल निवासी जिला मधुवनी बिहार (बीकॉम. पास), कृष्णा कुमार निवासी जिला मधुवनी बिहार (बीकॉम. पास) तथा कन्हैया पांडे निवासी जिला मधुवनी बिहार (बीकॉम. पास) को पकड़ा। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनके द्वारा लिंक के माध्यम वरुण ऑनलाइन हब बेवसाइट पर सट्टा खिलवाया जाता था।
आईडी जारी करते थे
जिन ग्राहकों को सट्टा लगाना रहता था, उनसे पेमेंट अलग-अलग बैंक खातों में लेकर उन्हें लिंक भेजी जाती थी। इसके बाद वरुण ऑनलाइन हब वेबसाइट की आईडी एवं पासवर्ड ग्राहकों को देते है एवं उस आईडी पर जितने रुपए उक्त व्यक्ति ने जमा किए हैं, उसके प्वॉइंट उनको उस आईडी पर देते हैं।
50 से ज्यादा फर्जी बैंक अकाउंट मिले
आरोपियों के देशभर में 50 से अधिक फर्जी बैंक अकाउंट और सिम मिली हैं। इन सिमों का उपयोग ट्रांजेक्शन में होता था। उत्तरप्रदेश, बिहार और मध्यप्रदेश सहित देशभर के गैंग सक्रिय हैं। गैंग कई महीनों से ऑनलाइन सट्टा कारोबार कर रही है। आरोपियों की मानें तो दुबई से संचालित होकर देश के कई शहरों में गैंग ने अपना नेटवर्क फैला रखा है, जहां इस तरह के ऑनलाइन सट्टा के सेंटर चलाए जा रहे हैं। आरोपियों के कब्जे से 29 मोबाइल, कम्प्यूटर, 2 लैपटॉप, 7 चेकबुक, 4 पासबुक, एटीएम कार्ड, नकदी एवं ऑनलाइन सट्टे के हिसाब-किताब का करोड़ों रुपए का लेखा-जोखा मिला है।