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नेशनल लोक अदालत की भव्य तैयारी, न्यायिक प्रक्रिया को गति देने पर जोर

निबंध प्रतियोगिता में विजेता छात्राओं को किया गया सम्मानित, न्यायपालिका की ऐतिहासिक पहल

संदीप सैन, देपालपुर

देपालपुर। भारतीय न्यायपालिका की पारदर्शिता और न्यायिक प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, इंदौर के तत्वावधान में आगामी 8 मार्च को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक पहल की सफलता सुनिश्चित करने हेतु तहसील न्यायालय, देपालपुर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें न्यायिक व्यवस्था को अधिक प्रभावी एवं लोकहितकारी बनाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बैठक की अध्यक्षता तहसील विधिक सेवा समिति देपालपुर के अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश हिदायत उल्ला खान ने की। उन्होंने न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं और संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए न्यायालयों में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों के त्वरित निपटारे पर विशेष बल दिया।

न्यायपालिका का बड़ा निर्णय: विवाद निपटारे की प्रक्रिया होगी तेज़

बैठक में बैंकों की वसूली से संबंधित मामलों, नगर परिषद की संपत्ति कर एवं जल-कर बकाया प्रकरणों सहित प्री-लिटिगेशन मामलों को अधिकतम संख्या में सुलझाने हेतु प्रभावी रणनीति तैयार की गई।
जिला न्यायाधीश हिदायत उल्ला खान ने कहा कि लोक अदालत एक ऐसा मंच है, जहां दोनों पक्षों की सहमति से विवादों का समाधान न्यायिक प्रक्रिया के तहत शीघ्रता से किया जाता है। इससे नागरिकों को लंबे अदालती संघर्ष से राहत मिलेगी और न्यायपालिका पर लंबित मामलों का भार भी कम होगा। उन्होंने उपस्थित अधिवक्ता संघ देपालपुर के पदाधिकारियों से आह्वान किया कि वे न्यायिक प्रक्रिया को सरल बनाने में पूर्ण सहयोग दें, जिससे अधिक से अधिक पक्षकारों को लाभ मिल सके।

मानवाधिकारों की सुरक्षा पर हुई चर्चा, निबंध प्रतियोगिता की विजेता छात्राएं सम्मानित

इस अवसर पर तहसील विधिक सेवा समिति के तत्वावधान में शहीद श्री भागीरथ सिलावट महाविद्यालय, देपालपुर में “भारत में मानव अधिकारों का संरक्षण एवं विकास” विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में कु. दीपमाला सोलंकी ने प्रथम स्थान, कु. सुहानी तंवर ने द्वितीय स्थान, एवं कु. वैदेही पाठक ने तृतीय स्थान प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। इन छात्राओं को जिला न्यायाधीश हिदायत उल्ला खान, एसडीएम आर.एम. त्रिपाठी एवं एसडीओपी संघप्रिय सम्राट द्वारा मेडल पहनाकर एवं प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान मानवाधिकारों के संरक्षण एवं संवैधानिक अधिकारों की रक्षा पर व्यापक चर्चा की गई। न्यायाधीश हिदायत उल्ला खान ने कहा कि मानवाधिकारों की सुरक्षा एक सभ्य समाज की पहचान होती है, और इसे सशक्त बनाने के लिए युवा पीढ़ी को जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है।

गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति

इस ऐतिहासिक अवसर पर न्यायिक एवं प्रशासनिक क्षेत्र की कई महत्वपूर्ण हस्तियां उपस्थित रहीं। जिसमें तहसीलदार लोकेश आहुजा, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सी.एल. पटेल एवं सचिव पवन जोशी, नगर निरीक्षक आर.एस. बघेल, टी.आई. गौतमपुरा अरुण कुमार सोलंकी, उपनिरीक्षक बेटमा बी.एल. यादव, शासकीय महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अनीता जैन, प्रभारी डॉ. अंजली जोशी, डॉ. पुष्पा दिवाकर एवं पवन जैन आदि उपस्थित थे इसके अलावा महाविद्यालय के सैकड़ों छात्र-छात्राएं भी इस महत्वपूर्ण आयोजन का हिस्सा बने और उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया, मानवाधिकारों एवं कानून व्यवस्था से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कीं।

लोक अदालत: न्यायिक प्रणाली में नई क्रांति का प्रतीक

नेशनल लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य न्यायालयों में लंबित मामलों के त्वरित समाधान को सुनिश्चित करना है। यह पहल न्यायिक प्रक्रिया को सरल एवं सुगम बनाने के साथ-साथ वादकारियों को अनावश्यक अदालती प्रक्रियाओं से बचाते हुए न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जिला न्यायाधीश हिदायत उल्ला खान ने कहा, “लोक अदालत न केवल न्यायिक प्रक्रिया का सरलीकरण करती है, बल्कि यह पक्षकारों को आर्थिक और मानसिक राहत भी प्रदान करती है। हमारा प्रयास रहेगा कि आगामी 8 मार्च को होने वाली लोक अदालत में अधिकतम मामलों का निस्तारण हो और वादकारियों को त्वरित न्याय मिले।”

न्यायपालिका की इस ऐतिहासिक पहल से आम जनता को मिलेगा त्वरित न्याय

8 मार्च को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत एक ऐतिहासिक अवसर साबित होगी, जहां हजारों मामलों का निपटारा आपसी सहमति के आधार पर किया जाएगा। यह आयोजन न्यायपालिका की पारदर्शिता और त्वरित न्याय प्रणाली की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम होगा। इस आयोजन से न केवल न्यायालयों का भार कम होगा, बल्कि आम जनता को भी शीघ्र और सुगम न्याय मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा। न्यायपालिका की इस अनूठी पहल से समाज में न्याय के प्रति विश्वास और अधिक मजबूत होगा।

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