देपालपुर। क्षेत्र में वर्ष 2021 से लापता नाबालिग बालिका को पुलिस ने चार साल बाद दस्तयाब कर लिया है। इस सफलता का श्रेय थाना प्रभारी निरीक्षक रणजीत सिंह बघेल और उनकी टीम को जाता है, जिन्होंने अथक प्रयास और गहन जांच-पड़ताल के बाद बालिका को सकुशल खोज निकाला। वर्ष 2021 में अहिरखेडी निवासी एक नाबालिग बालिका अपने घर से बिना बताए कहीं चली गई थी। परिजनों की शिकायत पर थाना देपालपुर में धारा 363 भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया था। यह मामला पुलिस के लिए एक चुनौती बना हुआ था, और पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, इंदौर ने बालिका की दस्तयाबी के लिए 1000 रुपये का इनाम भी घोषित किया था। एसडीओपी संघ प्रिय सम्राट के मार्गदर्शन और थाना प्रभारी निरीक्षक रणजीत सिंह बघेल के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम में शामिल अधिकारी सउनि चन्द्रकिशोर सिंह चौहान, सउनि विजय सिंह डामर, प्रधान आरक्षक राधेश्याम गावड, आरक्षक विरेन्द्र पटेल, आरक्षक सुनील गिरवाल, महिला आरक्षक आरती राजपूत ने सूझबूझ और तकनीकी संसाधनों का इस्तेमाल कर इस महत्वपूर्ण केस को सुलझाने में सफलता प्राप्त की। लगातार खोजबीन और गहन जांच के बाद पुलिस को 13 फरवरी 2025 को नाबालिग बालिका का सुराग मिला। तत्परता दिखाते हुए पुलिस टीम ने तत्काल कार्रवाई की और बालिका को दस्तयाब किया। पुलिस की यह उपलब्धि क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है। थाना प्रभारी रणजीत सिंह बघेल की कुशल नेतृत्व क्षमता और उनकी टीम के समर्पण ने इस केस को सफलतापूर्वक हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में पुलिस टीम ने सटीक रणनीति, समर्पित प्रयास और संवेदनशीलता का परिचय दिया, जिससे परिवार को उनकी बेटी वापस मिल सकी। थाना प्रभारी रणजीत सिंह बघेल ने इस मौके पर कहा कि “हमारी प्राथमिकता जनता की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखना है। हम सभी अभिभावकों से अपील करते हैं कि वे अपने बच्चों पर ध्यान दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।” इस सफलता के बाद देपालपुर पुलिस की कार्यशैली की पूरे क्षेत्र में सराहना हो रही है। यह कार्यवाही यह साबित करती है कि मध्य प्रदेश पुलिस जनता की सुरक्षा और न्याय की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
चार साल बाद मिली नाबालिग, देपालपुर पुलिस की सराहनीय कार्यवाही
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