रिपोर्टर : आकाश राठौर
महू। महू के नवागत एसडीएम राकेश परमार ने आलू चिप्स कारखोनो से बहाए जा रहे केमिकल युक्त जहरीले पाने के मामले में सख्ती दिखाई है। एसडीएम ने साफ शब्दों में कहा की यदि कारखाना संचालक नियमों के विरूद्ध कारखाने का संचालन करेंगे तो कार्यवाही की जाएगी। एसडीएम ने यह भी कहा कि वें शीघ्र ही कोदरिया सहित आस पास के क्षेत्रों में चल रहे आलू चिप्स कारखानों का निरीक्षण करने पहुंचेंगे इस दौरान यदि खामीया पाई गई तो सख्त कार्रवाई होगी।
इन कारखानों पर कोई नियम नहीं होता लागू
विकासखंड के कोदरिया समेत अनेक गांवों के बाहरी इलाकों में चल रहे आलू चिप्स कारखानों का संचालन शुद्ध रूप से नियमों के विपरीत हो रहा है। बगैर किसी विभागीय अनुमति के तकरीबन 170 से अधिक चिप्स कारखाने संचालित हो रहे है। इन कारखाना संचालको ने इसके लिए किसी जिम्मेदार विभाग से किसी भी प्रकार की अनुमति लेना वाजीब नहीं समझा। बड़ी बात यह है कि सालो से ये कारखाने इस तरह तमाम जिम्मेदार विभाग को मुंह चिड़ाते हुए संचालित किये जाते आ रहे है। हर साल माह जनवरी के अंतिम दिनों से लेकर 20 जून तक इन अस्थाई कारखानों में आलु चिप्स निर्माण का कार्य होता है।
क्या कहते है एसडीएम आप भी देखें
वायु प्रदषण ऐसा की तांबा चांदी पर पड़ रहे काले
170 से अधिक आलू चिप्स कारखानों से चिप्स निर्माण के दौरान उपयोग जा रहा केमिकल युक्त पानी आस पास की नालियों एवं नालो में बहाया जा रहा है। जो की तमाम गांवो से होते हुए गुजरखेड़ा, किशनगंज के रास्ते आगे को जा रहा है। यह केमिकल युक्त पानी एक काले गाढ़े पदार्थ का रूप लेकर सड़न पैदा कर रहा है। इससे निकलने वाली दुर्गंध असहनीय होकर मानव जीवन के लिए घातक साबित हो रही है। इस दुषित पानी ने विकासखंड़ के तमाम गांवो की आबोहवा को पूरी तरह से प्रदुषित कर दिया है। देवालयों पर लगे शिखर के साथ ही तांबे के बर्तन सहित चांदी के आभूषण भी काले पड़ रहे है। ऐसे में समझा जा सकता है कि हवा में फैला यह प्रदुषण किस तहर मानव शरीर पर प्रहार कर रहा है।

अवैध रूप से पहुंच रही लड़कड़िया
महू। 170 से अधिक आलू चिप्स कारखानों में भट्टी जलाने के लिए लकड़ियों का उपयोग होता है। अब तक सैकड़ो टन लकड़ी कोदरिया सहित आस पास के इलाको में चल रहे कारखानों में पहुंच चुकी है।

यहा लकडियों के दलाल स्थानीय वन विभाग से कथित सांठ गांठ कर अवैध रूप से जलाउ लकड़ियां बगैर टीपी के खपा रहे है। सूचना तो यह भी मिली है कि एक टी पी पर दो से अधिक लकडियों की गाडिया कोदरिया सहित आस पास के कारखानों पर पहुंच रही है। मामले में हो रही शिकवा शिकायत के बावजूद जिम्मेदार वन विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा।
