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देपालपुर स्वास्थ्य सेवाओं को बड़ा झटका : तीन डॉक्टरों का स्थानांतरण, स्वास्थ्य व्यवस्थाएं डगमगाने की आशंका

देपालपुर। देपालपुर विकासखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को तगड़ा झटका लगने वाला है, क्योंकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पलासियापार में पदस्थ डॉ. विक्रम सिद्धू, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देपालपुर में कार्यरत डॉ. सोनू पंडित और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जलोदिया ज्ञान में सेवा दे रहे डॉ. आशीष कुमावत का पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए चयन हो चुका है। तीनों डॉक्टरों को उच्च अध्ययन के लिए संस्थान आवंटित हो चुके हैं और वें जल्द ही कार्यमुक्त होंगे। इन तीन डॉक्टरों के जाने से देपालपुर विकासखंड की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है। पहले से ही चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे इन केंद्रों पर अतिरिक्त कार्यभार बढ़ जाएगा। मरीजों को समय पर उपचार मिलना मुश्किल हो सकता है, जिससे क्षेत्र की चिकित्सा सुविधाएं चरमरा सकती हैं।

डॉ. आशीष कुमावत

ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पहले ही चुनौतियों का सामना कर रही हैं, ऐसे में तीन अनुभवी डॉक्टरों का स्थानांतरण स्थिति को और भी जटिल बना सकता है। देपालपुर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों लोग इन स्वास्थ्य केंद्रों पर निर्भर हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है और जनसंख्या के अनुपात में चिकित्सकों की उपलब्धता बेहद सीमित है।

इन डॉक्टरों के जाने से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाले मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिल पाएगा और उन्हें बड़े अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ सकता है, जिससे आर्थिक और मानसिक दोनों प्रकार की परेशानियां बढ़ेंगी। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. वंदना केसरी इस चुनौतीपूर्ण स्थिति से कैसे निपटेंगी। खाली हो रहे पदों पर नए डॉक्टरों की नियुक्ति कब तक होगी, यह स्पष्ट नहीं है। स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखना अब बीएमओ के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा। अगर समय रहते इन पदों को नहीं भरा गया, तो स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पूरी तरह डगमगा सकती हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे लोगों की चिंता बढ़ रही है। ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए राज्य सरकार और प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करनी होगी। यदि जल्द ही नए डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं हुई, तो देपालपुर क्षेत्र में स्वास्थ्य संकट गहराने की पूरी संभावना है। अब सभी की नजरें स्वास्थ्य विभाग पर टिकी हैं। क्या सरकार जल्द से जल्द इन खाली पदों को भरने के लिए कदम उठाएगी, या फिर देपालपुर के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली झेलनी पड़ेगी? यह देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस स्थिति से कैसे निपटता है और बीएमओ डॉ. वंदना केसरी क्या कदम उठाती हैं। इस मुद्दे को लेकर स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों में भी आक्रोश देखा जा रहा है। उनका कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को इस मामले में जल्द संज्ञान लेना चाहिए और देपालपुर क्षेत्र में नए डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया को तेज करना चाहिए, ताकि आम जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी न झेलनी पड़े। ग्रामीणों ने मांग की है कि राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नए डॉक्टरों की तैनाती सुनिश्चित करे। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस चुनौती से कैसे निपटता है और क्या देपालपुर के लोगों को जल्द राहत मिलेगी या नहीं।

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