सोनोग्राफी और ईको जांच के लिए मिलेगी स्थायी सुविधा, “नशे से दूरी है ज़रूरी” अभियान के तहत दिलाई गई शपथ
देपालपुर। शासकीय बी.एस. महाविद्यालय, देपालपुर में शनिवार को श्री अरबिंदो अस्पताल, इंदौर एवं तहसील विधिक सेवा समिति, सिविल कोर्ट देपालपुर के संयुक्त तत्वावधान में एक वृहद नि:शुल्क प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप शिविर आयोजित किया गया। यह शिविर स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल साबित हुआ।

सुबह से जारी बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में नागरिकों ने शिविर में पहुंचकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा हजारों मरीजों की जांच की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रात: 10:30 बजे हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में श्री अरबिंदो इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस, इंदौर के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. विनोद भंडारी विशेष रूप से उपस्थित रहे। डॉ. भंडारी ने अपने संबोधन में देपालपुर से पुराने आत्मीय संबंध साझा करते हुए यह घोषणा की कि अब सप्ताह में दो दिन शासकीय अस्पताल, देपालपुर में सोनोग्राफी एवं ईको जैसी महत्वपूर्ण जांच सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही उन्होंने 30 से 60 वर्ष की आयु वर्ग के नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने के उद्देश्य से एक विशेष व्हाट्सएप ग्रुप के गठन की भी बात कही, जिससे स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां और सेवाएं नियमित रूप से पहुंचाई जा सकें। शिविर में तहसील विधिक सेवा समिति देपालपुर के अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश श्री हिदायत उल्ला खान, एसडीएम श्री आर.एम. त्रिपाठी, एसडीओपी श्री संघप्रिय सम्राट और श्री अरबिंदो अस्पताल के सी.ओ.ओ. श्री राजीव सिंह भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। इन वरिष्ठ अधिकारियों ने न केवल शिविर की व्यवस्थाएं संभालीं, बल्कि मरीजों से सीधा संवाद भी किया।
दिया प्रेरणादायक संदेश
जिला न्यायाधीश श्री हिदायत उल्ला खान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कई लोग यह सोचते हैं कि न्यायपालिका स्वास्थ्य शिविर क्यों आयोजित करती है, जबकि ‘न्याय सबके लिए’ का सिद्धांत यही बताता है कि स्वास्थ्य, शिक्षा और न्याय – ये सभी मौलिक अधिकार हैं और इन्हें हर वर्ग तक पहुंचाना हम सबकी साझा ज़िम्मेदारी है।
स्वास्थ्य सेवाओं की नई शुरुआत

एसडीएम श्री आर.एम. त्रिपाठी ने इस शिविर को देपालपुर क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह केवल एक स्वास्थ्य शिविर नहीं, बल्कि एक नई दिशा में ठोस शुरुआत है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस प्रकार के प्रयास लगातार किए जाएंगे ताकि ग्रामीण अंचलों में भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं नियमित रूप से उपलब्ध हो सकें।
विशेषज्ञों की मौजूदगी और उन्नत जांच

शिविर में जनरल मेडिसिन, सर्जरी, त्वचा रोग, हड्डी रोग, स्त्री रोग और बाल रोग के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने सेवाएं दीं। साथ ही हीमोग्लोबिन, ब्लड प्रेशर, शुगर, ईसीजी, ईको और सोनोग्राफी जैसी जांचें भी पूरी तरह नि:शुल्क की गईं।
“उम्मीदों वाली बस” बनी आकर्षण
कार्यक्रम में कैंसर स्क्रीनिंग के लिए मध्य भारत की पहली और अत्याधुनिक मोबाइल यूनिट ‘उम्मीदों वाली बस’ भी मौजूद रही। इसमें स्त्री रोग विशेषज्ञों की टीम ने महिलाओं के लिए स्तन, सर्वाइकल और थायरॉइड कैंसर की जांच की। इस पहल से ग्रामीण महिलाओं को समय पर रोग पहचान और उपचार का अवसर प्राप्त हुआ।
“नशे से दूरी है ज़रूरी” अभियान के अंतर्गत सामूहिक शपथ
शिविर के दौरान प्रदेश में चल रहे “नशे से दूरी है ज़रूरी” अभियान के तहत उपस्थित नागरिकों को सामूहिक रूप से नशामुक्ति की शपथ दिलाई गई। एसडीओपी श्री संघप्रिय सम्राट द्वारा दिलाई गई इस शपथ में सभी ने संकल्प लिया कि वे स्वयं नशे से दूर रहेंगे और समाज में भी इसके खिलाफ जनजागरूकता फैलाएंगे। इस अवसर पर अधिकारियों ने कहा कि नशा समाज को खोखला करता है और इससे बचाव के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।
व्यवस्था और सहभागिता बनी मिसाल

तेज बारिश के बावजूद आयोजन स्थल पर लोगों की भारी उपस्थिति ने यह सिद्ध कर दिया कि स्वास्थ्य के प्रति जनजागरूकता बढ़ रही है। शिविर में मरीजों के लिए समुचित बैठने, पंजीयन, जांच और परामर्श की व्यवस्था की गई थी, जिससे पूरे कार्यक्रम का संचालन सुचारू रूप से हुआ।
यह शिविर केवल एक चिकित्सा आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन की तरह था – जिसमें स्वास्थ्य को अधिकार और सेवा को धर्म माना गया। आयोजन में आई भीड़, सेवाओं की गुणवत्ता और वरिष्ठजनों की भागीदारी ने इसे देपालपुर के इतिहास में एक यादगार दिन बना दिया।