रसूखदारों के अतिक्रमण पर नहीं आई कोई आंच
महू। पिछले छह दिनों में महू कैंटबोर्ड ने दूसरी बड़ी कार्रवाई मंगलवार को की है। इस दौरान कैंट अमले ने मोती महल चोराहा से लेकर चना गोदाम तक के कई अवैध अतिक्रमणों को तोड़ा है। महू में लम्बे अरसे के बाद कैंट बोर्ड ने दल बल के साथ अवैध अतिक्रमण मुहिम चलाते हुए पहली कार्रवाई गुरुवार को की, जबकि दूसरी कार्रवाई मंगलवार दोपहर को की। दोनों ही कार्रवाई में तकरीबन सवा सो से अधिक अवैध कब्जो व अतिक्रमणों को ढहाया है। दोनों ही कार्रवाई के दौरान कैंट प्रशासन के अलावा महू एसडीएम राकेश परमार, तहसीलदार विवेद सोनी, एसडीओपी दिलीप सिंह, थाना प्रभारी राहुल शर्मा, सहित भारी भरकम पुलिस फोर्स मौजूद रहा।

अंदाजे बयां में फिका है बोर्ड
महू कैंट बोर्ड ने जिस अंदाज में कार्रवाई की पेशकश की थी, वैसी कार्रवाई धरातल पर देखने को नहीं मिली है। पहली कार्रवाई के शुरूआती चरण में लगा था कि कैंटबोर्ड सख्त लहजा इख्तयार कर चुका है। कैंटबोर्ड बगैर किसी पक्षपात के छोटे बड़े सभी अवैध अतिक्रमणों को ढहाएगा। लेकिन दोनों ही कार्रवाई में हरगिज ऐसा नहीं हुआ। अब तक की गई कार्रवाई में कैंटबोर्ड ने घरों व दुकानों के बाहर के टीन शेड़, अवैध गुमटी, नाले एवं नालियों के कुछ कब्जो के अलावा चार से पांच ऐसे छोटे मकान व दुकानों की दिवारो को ढहाया जो कब्जा कर बनाई गई थी। लोगों का खुला आरोप है कि कैंटबोर्ड कार्रवाई में पक्षपात कर रहा है। कुछ के अवैध निर्माण तो कुछ रसूखदारों को बख्श रहा है। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि कैंट बोर्ड उन स्थानों पर कार्रवाई नहीं कर रहा जहां आज भी बगैर अनुमति के अवैध रूप से भवन व काम्पलेक्स आदि का निर्माण जारी है। क्या वें अवैध अतिक्रमण की श्रेणी में नहीं आ रहे है?
तिरपाल की आढ़ में बन रहा सलीम का अवैध मकान
पहली कार्रवाई के दौरान पत्ती बाजार क्षेत्र में जिस कुए को कब्जा मुक्त करा कर कैंटबोर्ड द्वारा कार्रवाई की इतिश्री कर ली गई। ठीक उसी कुए के सामने सलीम अलमारी वाला तिरपाल की आढ़ में अगैर अनुमति कॉम्पलेक्स बना रहा है। कैंट बोर्ड चीफ इंजीनियर हरिशंकर कलोया को इस संदर्भ में पूरी जानकारी है। इन्ही के इशारे पर दो माह पूर्व कैंट बोर्ड का अमला उक्त निर्माण के कार्य को रुकवाने भी पहुंचा था। लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि कैंट बोर्ड ने सलीम के इस निर्माणाधीन अवैध कॉम्प्लेक्स की और झाकने से भी परहेज शुरू कर दी। पहली कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोगों ने मांग उठाई थी कि सलीम के बगैर अनुमति तिरपाल की आढ़ में बन रहे मकान को भी ढहाया जाए। लेकिन कैंटबोर्ड के कतिपय अधिकारियों को यह बात रास न आई और उन्होंने कार्रवाई रोक कदम पिछे खिच लिए।
दो को भेजा जेल
मंगलवार को अतिक्रमण मुहिम के दौरान सात रास्ता पर कार्रवाई चल रही थी। कार्रवाई के दौरान बिलाल पिता मोहम्मद वसीर निवासी मोहन टॉकीज एवं जाकिर पिता मोहम्मद वसीर निवासी बंड़ा बस्ती कार्रवाई का विरोध कर शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने का काम कर रहे थे। मौजूद पुलिसकर्मियों द्वारा भी दोनों को समझाइश दी गई। बावजूद दोनों कार्रवाई के दौरान माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे थे। लिहाजा दोनों को हिरासत में लेकर महू थाने ले जाया गया। बाद दोनों के खिलाफ पुलिस द्वारा धारा 170,126,135(3) बीएनएसएस के तहत प्रकरण दर्ज कर महू एसडीएम के समक्ष पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

महू हिंसा से कार्रवाई का कोई संबंध नहीं
महू में अतिक्रमण के विरूद्ध कार्रवाई जारी है। इस कार्रवाई को कुछ लोग महू में हुई हिंसा से जोड़ कर भी देख रहे है। लेकिन कैंट अधिकारियों का साफ कहना है कि यह कार्रवाई रूटीन कार्रवाई है। इसका महू में हुई हिंसा से कोई संबंध नहीं। कैंट बोर्ड के चीफ इंजीनियर हरिशंकर कलोया ने भी कहा कि यह कार्रवाई नाली एवं नालो पर किये गए कब्जो को हटाने के लिए की जा रही है।